Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की याचिका रद्द होने पर BJP ने ली चुटकी, हरीश खुराना बोले- अब 'बेचारा पॉलिटिक्स' करेगी कांग्रेस
BJP Reaction on Rahul Gandhi Case Verdict: दिल्ली बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि अब वे लोग बेचारा पॉलिटिक्स करेंगे.
Delhi News: गुजरात हाईकोर्ट में मोदी सरनेम विवाद पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट इस मामले में राहत देने से इनकार करने के बाद दिल्ली बीजेपी नेताओं कांग्रेस पर हमला बोल दिया है. दिल्ली बीजेपी (BJP) प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना (Harish Khurana )ने कांग्रेस (Congress) पार्टी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि अब वे लोग बेचारा पॉलिटिक्स करेंगे.
कांग्रेस वाले ये काम करने के लिए रहें तैयार
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा राहुल गांधी मानहानि केस मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाने के बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा है. उन्होंने एक ट्वीट कर हाईकोर्ट के फैसले को राहुल गांधी के लिए बड़ा झटका बताया है. उन्होंने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी पर 10 क्रिमिनल केस पहले से पेंडिंग हैं. मानहानि का ये कोई पहला मामला नहीं है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पहले ही रद्द की जा चुकी है. अब राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं को अब “बेचारा पॉलिटिक्स” करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
4 साल पहले राहुल ने दिया था ये बयान
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने मोदी सरनेम वालों को चोर बताया था. उनके इस बयान को गंभीर मानते हुए गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सूरत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. इसका तत्काल असर यह हुआ कि 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई. 27 मार्च को उन्हें दिल्ली स्थित सरकारी बंगला छोड़ने का नोटिस मिला और 22 अप्रैल को राहुल गांधी ने बंगला खाली कर दिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर राहत की मांग की थी. उसी मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया.