Delhi News: भारतीय राजनीति में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक लोकप्रिय और युवा चेहरा हैं. वह कई कारणों से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. पिछले कुछ महीनों के दौरान वह नए अवतार में दिखाई देने लगे हैं. इस बात के संकेत वह लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी को मिली हार के बाद से ही देने लगे थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान उनकी गतिशीलता सियासी नजरिए से काफी अहम हो गया है.


कांग्रेस को करीब से जानने वाले लोगों की मानें तो राहुल गांधी अब अपने तरीके से सियासी बिसात बिछाने में लगे हैं. इसका असर दिखाई भी देने लगा है. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद पार्टी के नेताओं में लौटा उनका विश्वास और आक्रामक तेवर अब उनके विरोधियों के साथ करीबियों को भी कांग्रेस के प्रति नजरिया बदलने का अहसास कराने लगा है. पटना में विपक्षी दलों की एकता बैठक में भी वो इस बात का अहसास कराते नजर आए हैं. यही वजह है कि राहुल की राजनीति को अब नए सिरे से समझने की कोशिश सियासी जानकार करने लगे हैं.


दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विभिन्न वर्गों के लोगों, युवाओं और कामकाजी मध्यवर्गीय लोगों के बीच अपनी उपस्थिति ज्यादा से ज्यादा दर्ज करा रहे हैं. देश की मुख्यधारा से कटे लोगों तक पहुंच बनाने को लेकर उनकी सक्रियता चौंकाने वाली है. उनका यह अदांज विदेशी दौरे के दौरान भी देखने को मिला है. आइए, हम आपको बताते हैं पिछले तीन माह के दौरान वह सुर्खियों में कब-कब ओर क्यों आए.




बंगाली मार्केट में गोलगप्पे, चांदनी चौक में कबाब का उठाया लुत्फ


देश में विभिन्न समुदायों के बीच नफरत के वजूद को समाप्त करने और 'मोहब्बत की दुकान' को सजाने के लिए राहुल गांधी ने 28 अप्रैल को नई दिल्ली के बंगाली मार्केट और पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के बाजारों में गोल गप्पे, चाट और शरबत का लुत्फ उठाया. दोनों जगह वह बाजार में लोगों से घिरे नजर आए. राहुल गांधी को देखकर भारी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए. बंगाली मार्केट के चर्चित नाथू स्वीट्स में राहुल गांधी ने गोल गप्पे खाए तो चांदनी चौक इलाके में रमजान के अवसर पर मोहब्बत का शरबत पिया. शरबत पीने के बाद वो कबाब खाने के लिए अल जवाहर रेस्टोरेंट पहुंच गए. इस दौरान उनके साथ फूड राइटर और ब्लॉगर कुणाल विजयकर भी थे.




डीयू के पीजी मेन्स हॉस्टल में खाया खाना


कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने 5 मई को दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के पीजी मेन्स हॉस्टल का अचानक दौरा किया. हॉस्टल में उन्होंने छात्रों से अलग-अलग पहलुओं पर बातचीत की. उन्होंने छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं और उनके करियर प्लान को लेकर जानकारी हासिल की. छात्रों के बीच राहुल गांधी ट्रिम दाढ़ी, व्हाइट टीशर्ट और ट्राउजर वाले गेटअप में नजर आए थे. हॉस्टल कैंटीन में राहुल गांधी ने छात्रों के साथ दोपहर का लंच भी किया. इसके अलावा, वह दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी और एसएससी की तैयारी में जुटे प्रतियोगियों से बातचीत की. यहां पर उन्हें छात्रों के साथ सड़क किनारे कुर्सी पर बैठे भी देखा गया. 




ट्रक ड्राइवरः देश को जोड़ने का अहम जरिया


कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 30 मई को दिल्ली से चंडीगढ़ तक ट्रक ड्राइवरों के साथ यात्रा की थी. छह घंटे की यात्रा का अनुभव लोगों से साझा करते हुए उन्होंने लिखा था- ट्रक ड्राइवर 24 घंटे सड़कों पर बिताते हैं. वो भारत के हर कोने को एक-दूसरे से जोड़ने की अहम कड़ी हैं. हाल ही में उन्होंने 14 जून 2023 को अमेरिका यात्रा के दौरान भी ट्रक से वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क तक 190 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. इस दौरान उन्होंने ट्रक ड्राइवर गिल से सवाल किया कि वे कितना कमा लेते हैं. इस सवाल का जवाब सुनकर राहुल गांधी दंग रह गए. ट्रक ड्राइवर ने राहुल को सिद्धू मूसेवाला का गाना भी गाकर सुनाया. साथ ही इस बात का भी जिक्र किया कि अमेरिका में ट्रक में सेफ्टी बहुत अधिक है. यहां कोई पुलिसवाला तंग नहीं करता, न ही चोरी का डर होता है. इंडिया की तरह यहां भी ओवरस्पीडिंग का चालान जरूर कटता है. 




मैकेनिक से मिला देश को गतिशील बनाए रखने का संदेश


एक दिन पहले यानी 28 जून को राहुल गांधी शाम के सवा पांच बजे दिल्ली के करोल बाग स्थित एक बाइक शोरूम में पहुंचे और वहां पर 7 बजे तक रुके रहे. राहुल गांधी ने शोरूम के कर्मचारियों से अपनी बातचीत की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा है कि मैंने वहां के तकनीकिशियनों से रिंच, नट बोल्ट के दम पर वाहन को कस उसे गतिमान रखने की कला सीखा. ताकि भविष्य में देश को गतिशीलता की राह पर आगे ले जा सकूं. खास बात यह है कि उन्होंने  शोरूम की तस्वीरें फेसबुक पर साझा की है. फेसबुक पर साझा पोस्ट में वह मोटरसाइकिल ठीक करने का हुनर सीखते और मैकेनिक से बातचीत करते नजर आ रहे हैं.


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