Delhi News: दिल्ली से यूपी (UP) के रास्ते बिहार (Bigar) और बंगाल (Bengal) जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अगले 15 महीने में यमुना नदी पर एक और ब्रिज बन कर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद यूपी के रास्ते दिल्ली से बिहार-बंगाल की तरफ जाने वाले यात्रियों को असानी होगा. भारतीय रेल निरंतर खुद को उन्नत कर यात्रियों को सुगम और सुखद यात्रा अनुभव देने के लिए प्रयासरत रहती है. इसी कड़ी में अब उत्तर रेलवे यमुना नदी पर एक ब्रिज बना रही है, जो रेल यात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगा.
201.65 करोड़ की लागत से बन रहा ब्रिज
दरअसल, उत्तर रेलवे ने इस साल 9 जून को राजधानी दिल्ली स्थित यमुना नदी के ऊपर एक नए ब्रिज को बनाने के लिए टेंडर जारी किया था. जिसे अगले 15 महीनों में बना कर तैयार कर लेने की योजना है. उत्तर रेलवे ने यह कदम, दिल्ली से यूपी के रास्ते बिहार-बंगाल जाने वाली ट्रेनों को गति देने और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के उद्देश्य से उठाया गया है. इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है. यह यमुना पर बनने वाला चौथा ब्रिज होगा. इसे 201.65 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, जिसके काम की शुरुआत भी की जा चुकी है.
लोहे के पुल के बराबर में बन रहा नया रेलवे ब्रिज
नया ब्रिज यमुना नदी पर बने पुराने लोहे वाले पुल के साथ ही बन रहा है. पुल तैयार कर लिया गया है और उस पर ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है. नया ब्रिज तैयार होने के बाद यमुना के लोहे के पुल से ट्रेनों के संचालन को बंद किया जा सकता है. बता दें कि, नई दिल्ली से गाजियाबाद के बीच रेल परिचालन में गति लाने के लिए यमुना पर नया ब्रिज बनाने के साथ साथ ही नई लाईनें भी बिछाई जा रही हैं. इसके तहत तिलक ब्रिज से आनंद बिहार के बीच तीसरी और चौथी लाइन बिछाने का काम पूरा होने वाला है. एक अधिकारी के अनुसार, नई दिल्ली स्टेशन पर प्लेटफॉर्म भी बढ़ाने की योजना है.
ट्रेनों को आउटर पर नहीं रोकना पड़ेगा
रेलवे के अधिकारी के मुताबिक, तिलक ब्रिज से आनंद बिहार के बीच तीसरी और चौथी लाइन तैयार होने के बाद गाजियाबाद की तरफ से आने वाली ट्रेनों का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा. अभी टेनों को सिग्नल नहीं मिलने के कारण अक्सर आउटर पर रुकना पड़ता है. इन लाइनों के बिछने के बाद ट्रेनों को आउटर पर रुकने की जरूरत नहीं होगी. इससे यात्रियों का 25-30 मिनट समय बच सकेगा. वहीं दूसरी तरफ, नई दिल्ली और तिलक ब्रिज के बीच सिर्फ 4 लाईनें हैं, जो कि ट्रेनों के दबाव की तुलना में कम हैं.
इस कारण व्यस्त समय मे आउटर पर तिलक ब्रिज या शिवाजी ब्रिज पर एक के पीछे एक ट्रेनों को रोकना पड़ता है. इस समस्या को दूर करने के लिए इन दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच पांचवीं और छठी लाइन बिछाने का काम चल रहा है. इन दोनों स्टेशन के बीच भी 2.65 किलोमीटर तक 2 अतिरिक्त लाइन बिछाई जा रही हैं.
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