दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा मंजूर, LG ने राष्ट्रपति को भेजी सिफारिश
Raj kumar Anand Resignation: राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे. 31 मई को CM अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफ़े को मंज़ूर करने की सिफ़ारिश उपराज्यपाल को भेजी थी.
Raj kumar Anand Resignation Accepted: दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. एलजी विनय कुमार सक्सेना ने राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश भेज दी है. राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे. 31 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार आनंद के इस्तीफ़े को मंज़ूर करने की सिफ़ारिश उपराज्यपाल को भेजी थी.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजकुमार आनंद का इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को भेजा है. एलजी ऑफिस की ओर से जारी किए गए बयान में लिखा है कि
उपराज्यपाल को की गई इस सिफारिश के साथ एससी/एसटी कल्याण, समाज कल्याण, सहकारिता और गुरुद्वारा चुनाव जैसे अहम विभाग नेतृत्वहीन और पंगु हो गए हैं.
दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफ़ा मंजूर
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया, ''क्योंकि उपराज्यपाल को की गई सिफारिशों में दिल्ली सीएम केजरीवाल ने इन विभागों को किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया है, जैसा कि कानून में प्रावधान है. ऐसे में यह सभी विभाग स्वतः ही मुख्यमंत्री में निहित हो जाते हैंय ऐसे में जबकि सीएम दोबारा जेल चले गए हैं, तो उनके लिए इन महत्वपूर्ण विभागों के लिए किसी भी तरह के निर्णय लेना असंभव होगा और इनसे जुड़े सभी कार्य पूरी तरह से ठप्प हो जाएंगे''.
राजकुमार आनंद ने कब दिया था इस्तीफा?
राजकुमार आनंद ने 10 अप्रैल 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और CM अरविंद केजरीवाल की ओर से 31 मई 2024 को उनके इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश के दौरान वह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे. जब दिल्ली के सीएम केजरीवाल 21 दिनों के लिए जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर थे, तब उन्होंने MCD में मेयर चुनाव से संबंधित फाइल को उपराज्यपाल को भेजना उचित नहीं समझा. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में जल संकट मामले में भी उपराज्यपाल के समक्ष अंतरराज्यीय सहयोग या समन्वय का मुद्दा उठाना उचित नहीं समझा.
बता दें कि राज कुमार आनंद ने 10 अप्रैल को आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल की कैबिनेट से इस्तीफा देते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने पार्टी पर वादाखिलाफी, मुद्दों से भटकने और दलितों के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है.
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