Phone Tapping Case Of Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) को फोन टैपिंग केस के मामले में पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच पुलिस ने दिल्ली (Delhi) तलब किया था. इस दौरान विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के ऑडियो टेप मामले में ओएसडी लोकेश शर्मा से करीब 9 घंटे तक पूछताछ चली और उनसे 70 सवाल पूछे गए. क्राइम ब्रांच पुलिस ने ओएसडी लोकेश शर्मा से एक के बाद एक सवाल पूछे, जिनमें विधायकों की खरीद-फरोख्त वाली ऑडियो मिलने वाले दिन उनकी किन-किन से बात हुई? सीएम गहलोत से दिन भर में कितनी बार बात होती है? ऐसे ही कुल 70 सवाल उनसे पूछे गए. इस दौरान उन्हें 40 मिनट का लंच ब्रेक दिया गया.


क्राइम ब्रांच पुलिस ने इस फोन टेपिंग मामले में लोकेश शर्मा से कई जानकारियां हासिल की. इस दौरान लोकेश शर्मा से उनके मोबाइल के बारे में भी पूछा गया. साथ ही उनसे ये जानने की भी कोशिश की गई कि ऑडियो में जो आवाज है, वो किसकी है और क्या वो उसे पहचानते हैं?


केंद्रीय मंत्री शेखावत का ऑडियो हुआ था वायरल


दरअसल ये पूरा मामला जुलाई 2020 का है, जब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कैंप ने बगावत कर दी थी. ऐसे में अशोक गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान ही फोन टैंपिंग मामला सामने आया था. कथित तौर पर उस वक्त केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का एक ऑडियो वायरल हुआ था. इसके आधार पर राजस्थान सरकार और कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया गया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी के अन्य नेता उनकी सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं.


दिल्ली हाईकोर्ट ने OSD गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक


कथित फोन टैपिंग का ऑडियो सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के जरिए वायरल करने का आरोप लगा था. इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है. लोकेश शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिस पर हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, जबकि उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने को कहा गया था. तभी से पुलिस कई बार ओएसडी लोकेश शर्मा से पूछताछ कर चुकी है.


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