सरकार ने बुधवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को राज्य का दर्जा उपयुक्त समय पर दिया जाएगा और जहां तक सवाल विधानसभा चुनाव कराने का है तो यह विशेषाधिकार निर्वाचन आयोग का है. राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी.
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को राज्य का दर्जा प्रदान किए जाने की समय-सीमा क्या है
राज्यसभा में सरकार से यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को राज्य का दर्जा प्रदान किए जाने की कोई समय-सीमा है, इसके जवाब में राय ने कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा उपयुक्त समय पर दिया जाएगा.’’दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव कराने की समय सीमा से संबंधित एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘चुनाव करने का फैसला लेना भारत के निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है.’’
अगस्त, 2019 को हटा था अनुच्छेद 370
ज्ञात हो कि अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था.
विभिन्न राजनीतिक दल, खासकर जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक दल अक्सर केंद्र सरकार से राज्य में चुनाव कराए जाने की मांग करते रहे हैं. आपको बता दे कि कुछ दिनों पहले पीडीपी की नेता महबूबा कहा था कि जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल नही कर दिया जाता है तब तक वह चुनाव में भाग नहीं लेंगी.पर यह सबको पता है कि जो पार्टी चुनाव में भाग नही लेगी वह काफी समय तक चुनाव से बाहर हो सकती है. यह खतरा देखने के बाद भी पीडीपी इतना बड़ा जोखिम लेगी यह लगता नहीं है.
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