Ram Niwas Goel on Manish Sisodia: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आम आदमी पार्टी की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. आप की दो उम्मीदवार लिस्ट जारी हो चुकी हैं. दोनों ही लिस्ट में देखा गया कि पार्टी नेतृत्व ने इस बार सीट और चेहरों को लेकर बड़े बदलाव किए हैं. नए चेहरों को मौका मिलने के साथ कइयों के टिकट कटे तो कई विधायकों की सीट बदल दी गई. इन्हीं में से एक सीट है पटपड़गंज, जिसपर मनीष सिसोदिया की जगह अवध ओझा को टिकट मिला है.
इस पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की प्रतिक्रिया आई है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए स्पीकर रामनिवास गोयल ने बताया, "इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, ये अरविंद केजरीवाल का फैसला है, वही बताएंगे. हालांकि, जो 2-3 सीटें चेंज हुई हैं वह पार्टी की प्लानिंग के तहत किया गया है. अवध ओझा आप में शामिल हुए हैं. वह एक मेंटर हैं और उन्हें कैसे सीट जिताई जाए, इसपर रणनीति बनाई गई. उनको निश्चित रूप से सीट जिताने के लिए मनीष सिसोदिया ने अपनी सीट का त्याग किया."
अवध ओझा पर बोले रामनिवास गोयल
स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि अवध ओझा पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं. शिक्षा जगत में उनका बड़ा नाम है और यह पार्टी के लिए अच्छा कदम है.
राखी बिड़लान की सीट बदलने पर भी बयान
राखी बिड़लान की मंगोलपुरी सीट बदलने पर भी स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि राखी बिड़लान ने एमपी का चुनाव भी बहुत जोर-शोर से लड़ा था और बहुत वोट प्राप्त किए थे. वह तीन बार से विधायक हैं. चौथी बार के लिए पार्टी ने उन्हें नई जगह से आजमाने की कोशिश की है. राखी बिड़लान युवा हैं और तेज-तर्रार नेता भी, वह कुछ बड़ा कर के दिखा सकती हैं.
खुद चुनाव न लड़ने पर बोले रामनिवास गोयल
हाल ही में स्पीकर रामनिवास गोयल ने आम आदमी पार्टी को चिट्ठी सौंप कर खुद को चुनाव से बाहर रखने की अपील की और चुनावी संन्यास का ऐलान कर दिया. इसको लेकर भी उन्होंने अपना बयान दिया है. रामनिवास गोयल ने कहा कि वह जनवरी में 77 साल के हो जाएंगे. अब 77 साल की उम्र में चुनाव लड़ने और भाग-दौड़ करने में वह अपने आपको समर्थ नहीं मानते. वहीं, उनका कहना है कि अब दूसरों को मौका मिलना चाहिए.
रामनिवास गोयल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पार्टी से नहीं, बल्कि केवल चुनाव लड़ने से संन्यास लिया है. वह पार्टी की गतिविधियों से निरंतर जुड़े रहेंगे. पीएम मोदी ने खुद कहा था कि राजनीति में 75 साल की आयु के बाद लोगों को संन्यास ले लेना चाहिए. इस दृष्टि से रामनिवास गोयल का संन्यास लेना उचित है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अब पीएम मोदी अपनी बातों पर कितना अमल करते हैं वह तो खुद प्रधानमंत्री ही बता सकते हैं.
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