Delhi: राम निवास गोयल बोले- 'विधानसभा से जुड़े मामलों में स्पीकर सुप्रीम, LG को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं'
Ram Niwas Goyal News: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ अधिकारी एलजी के 'अवैध और असंवैधानिक' निर्देशों के अनुसार संबंधित मंत्रियों को बिना जानकारी के काम कर रहे हैं.
Delhi Assembly Speaker On LG: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल (Ram Niwas Goel) ने बुधवार को राज्य विधानसभा से संबंधित सभी मामलों में अपनी सर्वोच्चता का दावा करते हुए मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे अपने विभागों के अधिकारियों को दिए गए निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करें. साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि अधिकारी मांगी गई जानकारी को साझा करें और विधानसभा समितियों में भाग लें.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रमुख कानून सचिव ने 23 मार्च को एक पत्र में यह स्वीकार किया था कि विधानसभा और इसकी समितियों से संबंधित मामलों में अध्यक्ष का फैसला सर्वोच्च है. उन्होंने कहा कि राज्य या राष्ट्र की सुरक्षा के मुद्दे के अलावा विधानसभा या इसकी समितियों को किसी भी प्रश्न या दस्तावेजों के रूप में कोई भी जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
'किसी भी उल्लंघन को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाएगा'
उन्होंने विधि सचिव के विचार का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी विभाग को ऐसी सूचना देने में कोई दिक्कत है, जिसे समितियों ने मांगा है तो वे संबंधित विभाग के मंत्री को इस विषय में सूचित करेंगे. मंत्री इस सूचना को अध्यक्ष तक पहुंचाएं और अध्यक्ष का निर्णय अंतिम निर्णय होगा. साथ ही अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी अधिकारी समितियों की बैठकों से अनुपस्थित नहीं रहेगा. गोयल ने कहा कि इनमें से किसी भी उल्लंघन को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाएगा.
LG को दखल देने का अधिकार नहीं- राम निवास गोयल
उन्होंने कहा कि कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना विधानसभा की प्राथमिक जिम्मेदारी है. सरकार विधानमंडल के प्रति जवाबदेह है और एलजी को विधानसभा के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. गोयल ने कहा कि विधानसभा का विषय राज्य का विषय है और एलजी केवल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के अनुसार ही काम कर सकते हैं.
विधानसभा अध्यक्ष बोले- एलजी के निर्देश पर काम कर रहे कुछ अधिकारी
राम निवास गोयल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ अधिकारी एलजी के अवैध और असंवैधानिक' निर्देशों के अनुसार संबंधित मंत्रियों को बिना किसी जानकारी के काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसे अधिकारियों को एलजी कार्यालय से सक्रिय, अवैध और असंवैधानिक समर्थन और संरक्षण मिल रहा है. उन्होंने कहा कि एलजी ने 19 मार्च, 2018 को एक पत्र में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि लोक व्यवस्था, भूमि और पुलिस जैसे आरक्षित विषयों पर प्रश्न विधानसभा में स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने 26 मार्च, 2018 को विधानसभा में इस मामले पर फैसला सुनाया था कि इस तरह के प्रश्न विशेषाधिकार समिति को भेजे जाएंगे. इसके बावजूद अधिकारी सूचना देने से इनकार करते रहे और मामला विशेषाधिकार समिति के समक्ष लंबित है.
'एलजी नहीं चाहते की अधिकारी कोई जानकारी दें'
उन्होंने कहा कि अब जीएनसीटीडी (संशोधन) कानून लागू होने के बाद LG ऑफिस ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विधानसभा को जानकारी न दें. उन्होंने कहा कि सारी बात ये है कि एलजी नहीं चाहते कि अधिकारी कैबिनेट की बैठकों में शामिल हों या उनके द्वारा मांगी गई कोई भी जानकारी प्रदान करें. गोयल ने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने 21 फरवरी को लिखे पत्र में कहा था कि विधानसभा की दृष्टि से अध्यक्ष सर्वोच्च पदाधिकारी होता है.
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