Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा है कि वह अपने मंत्रियों को क्लीन चिट देना बंद करें. दिल्ली की जनता चुपचाप को यह बताएं कि अगर वे घोटालों में संलिप्त नहीं हैं तो महीनों से उनकी जमानत क्यों नहीं हो रही? प्रदेश की जनता हजारों करोड़ के घोटालों और अपने राजमहल पर किए गए सैंकड़ों करोड़ों रुपए के खर्चे पर उनका स्पष्टीकरण चाहती है. जनता के सवालों का जवाब देने की बजाय केजरीवाल हमेशा की तरह जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
आप की रामलीला मैदान में महारैली को असफल करार देते हुए प्रतिपक्ष के नेता बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल इस रैली को विपक्षी दलों की रैली बनाना चाहते थे. वह पिछले कई दिनों से देशभर में विपक्षी नेताओं के यहां चक्कर लगा रहे थे लेकिन कोई बड़ा विपक्षी नेता इस रैली में आने के लिए तैयार नहीं हुआ. कितनी हैरानी की बात है कि केजरीवाल रामलीला मैदान की रैली में महंगाई का मुद्दा उस दिन उठा रहे हैं जिस दिन उनकी पार्टी की सरकार ने पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिए. दिल्ली में भी वैट की दर पड़ोसी राज्यों से ज्यादा है.
जनता को चाहिए इन घोटालों का हिसाब
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल जनता के सवालों का जवाब महारैली के मंच से नहीं दिया. वह अब भी जेल में बंद अपने मंत्रियों को क्लीन चिट दे रहे हैं. सत्येंद्र जैन एक साल से ज्यादा समय से और सिसोदिया साढे तीन महीने से जेल में हैं. अदालतें यह क्यों कह रही हैं कि ये मंत्री घोटालों के सूत्रधार दिखाई दे रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सवाल सिर्फ शराब घोटाले और हवाला घोटाले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का नहीं है बल्कि जनता डीटीसी घोटाला, शिक्षा घोटाला, जल बोर्ड घोटाला पर भी केजरीवाल से जवाब चाहती है.
सीएम के कारनामों की खुल चुकी है पोल
दिल्ली बीजेपी नेता ने कहा कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने जनता से वादा किया था कि वह बड़ा बंगला, सिक्योरिटी और अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे लेकिन उन्होंने अपने राजमहल पर टैक्सपेयर्स के खून पसीने की कमाई के 178 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जनता के सामने उनकी पोल खुल चुकी है. अब उनके पास मुंह दिखाने लायक मुद्दा नहीं है तो वह अध्यादेश के नाम पर केंद्र को कोस रहे हैं. सभी को पता है कि वह अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए अधिक अधिकार चाहते हैं और इसीलिए जब कुछ दिन के लिए अधिकार मिले भ्रष्टाचार के मामलों की फाइलें निपटाने में जुट गए.
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