Delhi News: राजधानी दिल्ली के शाहबाद डेयरी थाना इलाके के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले दो नाबालिग छात्रों के साथ कुकर्म किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें आरोप है कि स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने जबरन दो नाबालिगों के साथ कुकर्म किया और विरोध करने पर उनकी पिटाई भी की. हैरानी की बात यह है कि इस घटना की शिकायत जब छात्रों ने स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापक से किया तो उन्होंने पीड़ितों को ही चूप रहने का निर्देश दिया. जिसके बाद बच्चों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी, जिसके बाद इन मामलों में उनकी शिकायत के आधार पर शाहबाद डेयरी थाना में मामला दर्ज किया गया.
DCW ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
इस मामले की जानकारी पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर इन मामलों में की गयी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी मांगी है. दिल्ली पुलिस को दिए अपने नोटिस में DCW चीफ मालीवाल ने मामले में हुई गिरफ्तारियों की स्थिति के बारे में पूछा है. इसके अलावा स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी विवरण मांगा है और पूछा है कि क्या कथित तौर पर अधिकारियों को मामले की सूचना नहीं देने के लिए POCSO अधिनियम के तहत उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है? आयोग ने इन मामलों में संबंधित बाल कल्याण समिति द्वारा पारित आदेशों की प्रति भी मांगी है.
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को भी आयोग ने भेजा नोटिस
वहीं, उन्होंने शिक्षा निदेशालय से मामले में जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. साथ ही यह भी पूछा है कि क्या अधिकारियों को घटनाओं की सूचना नहीं देने के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को निलंबित किया गया है? इसके अलावा उन्होंने स्कूलों में छात्रों की काउंसलिंग और यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए विभाग द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों के विवरण की भी मांग की है.
प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत FIR दर्ज
बता दें कि, रोहिणी के एक सरकारी स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 और 12 वर्षीय दो नाबालिग लड़कों के साथ कथित तौर पर स्कूल के अन्य छात्रों ने कुकर्म किया. पीड़ितों ने बताया कि अप्रैल महीने में स्कूल में लगे समर कैंप के दौरान कुछ छात्रों ने उनके साथ कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया. 13 वर्षीय नाबालिग को जबरन स्कूल के पार्क में ले जा कर लगातार 7 दिनों तक उसके साथ कुकर्म किया गया और फिर आरोपियों ने पीड़ित छात्र को घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी.
टॉयलेट में ले जाकर नाबालिग छात्र से कुकर्म
वहीं 12 वर्षीय दूसरे छात्र के साथ भी उसी दौरान उन्हीं छात्रों द्वारा स्कूल के टॉयलेट में कुकर्म किया गया. पीड़ित ने बताया कि आरोपी छात्रों ने उसे भी घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी गई थी. उसने बताया कि करीब 16 दिन पहले एक छात्र ने टॉयलेट में उसके साथ दोबारा यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी. दोनों ही मामलों में पीड़ितों ने अपने शिक्षकों को अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन उन्होंने उससे मामले के बारे में किसी को भी न बताने के लिए कहा.
स्कूल के प्रिंसिपल ने दी चुप रहने की सलाह
पीड़ित के परिजनों को 6 दिन पहले घटना के बारे में पता चला. लेकिन जब उन्होंने स्कूल पहुंच कर इसकी शिकायत प्रधानाध्यापक से की तो कथित तौर पर उन्होंने घटना के बारे में किसी से भी बात न करने को कहा. इन मामलों पर हैरानी जाहिर करते हुए मालीवाल ने कहा, 'ये बहुत चौंकाने वाली घटनाएं हैं. एक ही स्कूल के छात्रों ने अपने साथियों के साथ यौन उत्पीड़न किया. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षकों और प्रिंसिपल ने कथित तौर पर छात्रों को चुप रहने के लिए कहा. अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही, अधिकारियों को घटना की सूचना न देने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए.'