Delhi News: रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर गाजियाबाद से दुहाई के बीच पहले सेक्शन पर सफलतापूर्वक रैपिड रेल के परिचालन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल के नए कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है. करीब 72.2 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं. इसके पहले फेज के निर्माण के लिए ग्रेटर नोएडा में 60 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा. इस कॉरिडोर पर छह कोच वाली ट्रेनें चलाई जाएंगी. शुरुआत में इन ट्रेनों की फ्रेक्वेन्सी 9 मिनट रखी जाएगी, जिसे बाद में घटाकर 4 से 5 मिनट तक कर दिया जाएगा.
गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाने की मंजूरी
बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने के लिए एनसीआरटीसी ने फिजबिलिटी रिपोर्ट बनाकर दो रूट सुझाए थे. इनमें एक रूट दिल्ली में न्यू अशोक नगर और दूसरा रूट गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक था. कनेक्टिकटी को लेकर सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्राधिकरणों के साथ ऑनलाइन बैठक की, जिसमें गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाने की मंजूरी दी गई.
एनसीआरटीसी की पास की गई फिजबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक इस रूट से गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ईस्ट और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र जुड़ जाएगा. बैठक में दिल्ली से नोएडा एक्सप्रेसवे के जरिये नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल की फिजबिलिटी रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया गया.
पहले फेज का काम 2031 मे होगा पूरा
गाजियाबाद RRTS स्टेशन से ग्रेनो वेस्ट और परी चौक के माध्यम से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है. परी चौक पर एक्वा लाइन के साथ रैपिड रेल मर्ज होगी. इसका निर्माण दो फेज में होगा. पहले फेज में गाजियाबाद और इकोटेक-6 (कासना) के बीच 37.15 किलोमीटर का कॉरिडोर बनेगा. इसे वर्ष 2031 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इस कॉरिडोर में मेट्रो भी भरेगी रफ्तार
बता दें कि गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक बनने वाले रैपिड रेल कॉरिडोर में मेट्रो ट्रेनें भी चलाने की योजना है. जिसके लिए स्टेशनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. यह कॉरिडोर गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की करीब 1.1 करोड़ की आबादी को जोड़ेगा. एनसीआरटीसी, गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल कॉरिडोर की डिटेल प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेगा. इस कॉरिडोर को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि इसमें रैपिड रेल के साथ मेट्रो भी चलाई जा सके.