Ghaziabad Rapid Rail: देश की सबसे तेज चलने वाली रैपिड रेल (Rapid Rail) अब बहुत जल्द ही आम लोगों के बीच आने वाली है. दरअसल दिल्ली (Delhi) से मेरठ (Meerut) तक जाने वाली यह रैपिड रेल (Rapid Rail) सरकार के एहम प्रोजेक्ट्स में से एक है, और अब इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एनसीआरसीटी (NCRCT) यानी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को इस ट्रेन के छह सेट 7 मई को मिलने वाले है.

इस ट्रेन की खासियत यह है की यह सिर्फ 60 मिनट में लोगों को दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ पंहुचा देगी, 7 मई यानी कल गुजरात में इस रैपिड रेल को बनाने वाली कंपनी इसे एनसीआरसीटी को सौंपने वाली है जिसके बाद यह 14 मई तक गाजियाबाद पहुंच जाएगी.

 

कल एनसीआरसीटी को मिलेगी चाबी

इस रेल को गुजरात के गुजरात के सावली में बंबारडियर प्लांट में बनाया जा रहा है,औरअब रैपिड रेल के पहले छह कोच का सेट बनकर तैयार हो चुका है. एनसीआरसीटी के चीफ पीआरओ पुनीत वत्स ने रैपिड रेल के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया की यह रेल सात मई को  गुजरात से गाजियाबाद भेजी जाएगी. यहां मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग अफेयर के सेक्रेटरी मनोज जोशी इसे सवाली के प्लांट में  कार्यक्रम के दौरान हरी झंडी दिखाएंगे. इसके बाद यह गाजियाबाद के लिए यह ट्रेन रवाना होगी.

 

रैपिड रेल कैसे पहुंचेगी गाजियाबाद

सीपीआरओ ने आगे बताया की कल रवाना होने के बाद इसे गाजियाबाद पहुंचने में 14 या 15 मई तक का समय लगेगा. उन्होंने बताया की रैपिड रेल को सड़क मार्ग के जरिए लाया जाएगा. इसके 6 कोच के सेट को अलग अलग बड़े ट्रेलर पर रखकर गुजरात से दुहाई तक लाया जाएगा. ऐसे में यह गाजियाबाद तक 14 मई को आ जाएगी. वहीं इस रेल की शुरुआत को लेकर सीपीआरओ ने बताया की फिलहाल दुहाई में रेल सेट आने के बाद इंजीनियर्स की टीम इसका निरीक्षण करेंगी, जिसके बाद इन कोच को ट्रायल रन को अनुमति दी जाएगी.

 

दिल्ली से मेरठ दौड़ेगी 30 ट्रेन


बता दे की दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ जाने वाली रैपिड रेल का कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा है, और इसमें कुल 30 ट्रेनें चलेंगी. इस कॉरिडोर का पूरी तरह संचालन साल 2025 में शुरू होगा और तब इस कॉरिडोर पर कुल 30 ट्रेन सेट दौड़ा करेंगी. 30 ट्रेनों के सेट को गुजरात के बंबारडियर प्लांट में बनाया जा रहा है और इसका काम तेजी से जारी है. इस कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले पहले 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड के 6 कोच वाले ट्रेन को तैयार कर लिया गया है. फिलहाल प्लांट में बाकी ट्रेनों को बनाने का काम जारी है.

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