'ED पर भरोसा नहीं कर सकते, बेहतर होता अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने जाते' कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का सुझाव
Arvind Kejriwal ED Summon: कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का बयान उस समय आया है, जब दिल्ली आबकारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के तीसरे समन पर भी बुधवार को पूछताछ में अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए.
Delhi News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा ED के समक्ष बुधवार को भी पेश न होने पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आप नेताओं को नेक सुझाव देते हुए कहा कि ED पर भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन ज्यादा बेहतर होता कि अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी की पूछताछ में शामिल होते.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी का कहना है कि देश अरविंद केजरीवाल पर निगाहें लगाए बैठा है कि ED उनके साथ क्या करती है? इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल ED के सामने जाते. अगर वो ईडी के सामने नहीं जाएंगे तो ED अदालत से वारंट जारी करवाकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है, इसलिए वो चले जाते तो ज्यादा बेहतर होता. कांग्रेस नेता का यह बयान उस समय आया है जब दिल्ली आबकारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के तीसरे समन पर भी बुधवार को पूछताछ में शामिल नहीं हुए. बात दें कि इस मसले पर दिल्ली की राजनीति में बवाल की स्थिति है.
चिट्ठी का जवाब क्यों नहीं देती ED
कांग्रेस नेता के सुझाव के उलट दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का कहनाहै कि ईडी ने आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार एक गैर कानूनी समन भेजा है. गैर कानूनी समन के जरिए जांच एजेंसी ने उन्हें तीन दिसंबर को पूछताछ के लिए दफ्तर में पेश होने को कहा था. आतिशी का कहना है कि ईडी सीएम केजरीवाल ने जांच को लेकर कई प्रश्न पूछे हैं, लेकिन जांच एजेंसी की ओर से एक भी सवाल के जवाब नहीं दिए गए हैं. आतिशी का दावा है कि ईडी के अधिकारियों को पता है कि उनका समन गैर कानूनी है. यदि ऐसा नहीं है तो ईडी उनकी चिट्ठी का जवाब क्यों नहीं देती. इस मामले में हमारी सहानुभूति अफसरों के साथ है. सहानुभूति, इसलिए कि ईडी के जांच अधिकारी केंद्र सरकार और बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं. इसके अलावा, सौरभ भारद्वाज ने ईडी समन की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का मसला, सीएए की डेट और लोकसभा चुनाव के बीच उन्हें बुलाने से साफ है कि मंशा सातफ नहीं है.