Delhi News: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को वापस लेने और इसे आगे से नहीं छापने का फैसला लिया है. वहीं आरबीआई के फैसले पर आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह फैसला विशेषज्ञों ने लिया हो. उन्होंने कहा कि ये फैसले विशेषज्ञों द्वारा लिए जाने चाहिए.
सौरभ भारद्वाज ने कहा, "पिछली बार नोटबंदी का फैसला सरकार (मोदी सरकार) द्वारा लिया गया था जो पूरी तरह एक त्रासदी साबित हुआ था, लोगों की नौकरियां चली गई थीं, अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी. वहीं इस फैसले से भ्रष्टाचार और काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन लोगों को उस फैसले से काफी परेशानी हुई थी, कई लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि अब जो फैसला लिया गया है उसके क्या परिणाम होंगे ये तो मैं नहीं जानता, क्योंकि मैं अर्थशास्त्री नहीं हूं, लेकिन मैं आशा करता हूं कि इस बार ये फैसला विशेषज्ञों द्वारा लिया गया हो."
आरबीआई वापस लेगा 2000 के नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोटों को बंद करने का फैसला किया है. हालांकि ये नोट 30 सितंबर तक चलन में बने रहेंगे. आरबीआई ने बैंकों को 30 सिंतबर 2023 तक 2000 रुपए के नोटों को जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है और बैंकों से 2000 रुपए के नोट देना तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है. आरबीआई के बयान के अनुसार बैंकों में 23 मई से 20,000 रुपए मूल्य तक के दो हजार रुपए के नोट एक बार में बदले जा सकेंगे. आरबीआई ने साल 2016 में पहली बार आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24 (1) के तहत 2000 के नोट जारी किया था. अब यब नोट 30 सितंबर तक वैध रहेगा, आरबीआई ने उम्मीद जताई है कि चार महीने के भीतर लोग बैंकों से इस नोट को बदल लेंगे.
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