Red Light On Gaadi Off Campaign: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ इस साल एक बार फिर दिल्ली सरकार ने ईधन से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए आज से ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ़’ अभियान की शुरुआत की. दिल्ली के ITO चौराहे पर ख़ुद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय है इस अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई विधायक, पार्षद और कई कार्यकर्ता भी इस चौराहे पर तख़्ती लेकर लोगों को जागरूक करते हुए नज़र आए. दि


ल्ली सरकार द्वारा साल 2020 से शुरू किए गए इस अभियान का मक़सद दिल्ली में ईंधन से होने वाले प्रदूषण को कम करना है. इस अभियान के तहत दिल्ली के तमाम बड़े चौराहे पर वॉलेंटियर्स तख़्ती लेकर खड़े होते है और लोगों को ईंधन से होने वाले प्रदूषण को लेकर जागरूक करने की कोशिश करते हैं. इस दौरान लोगों को ये समझाया जाता है कि अगर रेड लाइट ऑन होने पर थोड़ी देर के लिए वो अगर अपनी गाड़ी का इंजन बंद कर दें तो इससे ईधन से होने वाले प्रदूषण में काफ़ी हद तक कमी आयेगी. साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी कम हो जाएगा. 


दिल्ली के ITO चौराहे पर वॉलेंटियर्स ने गुलाब देकर कुछ इसी तरह लोगों को जागरूक करने का काम किया. हालांकि पिछले साल के मुक़ाबले इस साल इस अभियान को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने अनुमति नहीं दी है.


उपराज्यपाल ने पूछे ये सवाल?
दरअसल उपराज्यपाल ने इस अभियान को लेकर कुछ सवाल खड़े किए थे जिसमें सरकार से पूछा गया कि इस अभियान चलाए जाने के बाद से प्रदूषण में कितनी कमी आयी है? इस पर सरकार कितना ख़र्च कर रही है? जिन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को चौराहे पर खड़ा किया जाता है उनकी सेहत के साथ क्या खिलवाड़ नहीं हो रहा? क्योंकि ये सभी वॉलंटियर्स घंटों तक प्रदूषण के बीच चौराहो पर खड़े रहते हैं. हालांकि इन सवालों का जवाब दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के पास भेजा था बावजूद इसके भी तक दिल्ली सरकार को इस अभियान को चलाने की अनुमति LG से नहीं मिल पाई है.


यही वजह है कि इस बार केजरीवाल सरकार ने इसे जन जागरूक अभियान बना दिया है इस अभियान में जो वॉलेंटियर्स लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे वो खुद से इसमें शामिल हो सकते. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी से जुड़े कई विधायक, पार्षद और कार्यकर्ता रेड लाइट पर तख़्ती लेकर इस अभियान को चला रहे हैं.


अलग-अलग चरणों में अभियान
अभियान अलग अलग चरणों में चलाया जाएगा. 28 अक्टूबर को बाराखंभा और 30 अक्टूबर को चंदगी राम अखाड़ा चौराहे  पर रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान चलाया जाएगा. 2 नवंबर को सभी 70  विधान सभा में ये अभियान चलाया जाएगा. गोपाल राय ने  बताया कि  3 नवंबर को 2000 इको क्लब के माध्यम से  रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान  को लेकर स्कूलों में  बच्चों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस अभियान को जन अभियान बनाया जाएगा , इसमें आर डब्लू ए , इको क्लब , पर्यावरण मित्र के साथ दिल्ली की आम जनता को जोड़ा जाएगा. इस जागरूकता अभियान का असर लोगों पर पड़ता है. वे एक-दूसरे को अपने गाड़ी का इंजन बंद करने की सलाह भी देते हैं.


लोगों ने क्या कहा?
ITO चौराहे पर शुरू किए गए इस अभियान के दौरान कई लोगों से एबीपी न्यूज़ से बातचीत की जिसमें लोगों ने भी माना कि अगर इस तरह बड़े चौराहों पर रेड लाइट पर आप थोड़ी देर के लिए अपनी गाड़ी का इंजन बंद कर देते हैं तो इससे प्रदूषण में कमी आएगी और फ़ायदा सभी को मिलेगा. लोगों ने बताया कि अक्सर जब दिल्ली में प्रदूषण काफ़ी ज़्यादा बढ़ जाता है तो दौरान वो ख़ुद से भी लंबी रेड लाइट होने पर अपनी गाड़ी का इंजन बंद कर देते हैं.


क्या कहती है स्टडी?


इस तरह के अभियान विदेशों में भी कई जगहों पर चलाए गए हैं जिसके परिणाम काफ़ी बेहतर साबित हुए हैं. भारत की बात करें तो भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा 2019 में एक अध्ययन किया गया था. जिसके अनुसार रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने के कारण 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है. 


दिल्ली में पीसीआरए और पेट्रोलियम संरक्षण साझेदारी के तहत भीकाजी कामा रेडलाईट पर एक अध्ययन किया गया था . वहां पर बिना अभियान के जब सर्वे हुआ तो 20 प्रतिशत लोग ही  रेडलाईट पर अपना इंजन बंद कर देते थे. ऐसे में वहां पर प्लेकार्ड वालेंटियरर्स ने अभियान शुरू किया. अभियान के बाद जब सर्वे किया गया तो पाया गया कि लगभग 80  प्रतिशत लोगों ने अपनी गाड़ी का इंजन बंद करना शुरू कर दिया गया. इस प्रकार का अभियान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शहरों में भी किया गया है. 


लंदन में इस अभियान को 'इंजन ऑफ एवरी स्टाफ' के नाम से चलाया गया. संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी केरोलीना के शहरों में भी 'टर्न ऑफ योर इंजन' के नाम से इसी प्रकार का अभियान चलाया गया था. इस अभियान के बाद 10 में से 8 लोगों ने अपने गाड़ी के इंजन को बंद करना शुरू कर दिया.


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