गणतंत्र दिवस परेड के दौरान दर्शक पूरी तरह से कर्तव्य पथ पर फ्लाई पास्ट का पूरा मजा नहीं उठा सके क्योंकि देश की राजधानी में गुरुवार को कोहरे के कारण दृश्यता का स्तर करीब 800 मीटर तक गिर गया था परेड के दौरान फ्लाई पास्ट देखना प्रमुख आकर्षणों में से एक होता है.


फ्लाई पास्ट में 50 विमानों ने लिया हिस्सा


इस वर्ष 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में 50 विमानों ने हिस्सा लिया जिनमें राफेल, मिग-29 और Su-30 MKI लड़ाकू विमानों के साथ-साथ C-130 सुपर हरक्यूलस और C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमानों का हवाई प्रदर्शन शामिल था. लोग अपने फोन के कैमरे खोलकर अपने स्थानों पर खड़े थे, लेकिन राजधानी में कोहरे और धुएं की परत के कारण विमानों ने जो संरचना बनाई उन्हें कैमरे में कैद करने में परेशानी का सामना करना पड़ा.


160 से 287 हो गया वायु प्रदूषण स्तर 


दर्शकों की आंखें उड़ने वाली मशीनों की तलाश में आसमान में छानबीन कर रही थीं, लेकिन वे केवल गुजरने वाले विमानों की गड़गड़ाहट को ही सुन सकते थे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर 12 बजे 287 पर था, जो बुधवार शाम 4 बजे 160 था और उसके बाद से तेजी से बिगड़ रहा था.


दृश्यता का स्तर 600 से बढ़कर 800 मीटर हुआ 


भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दृश्यता का स्तर सुबह सात बजे 600 मीटर था और सुबह 11 बजे तक सुधर कर 800 मीटर हो गया था. दिल्ली में बादल छाए रहे और न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, ये इस महीने में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान है. अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.


नारी शक्ति था समारोह का मुख्य विषय  


देश ने अपना गणतंत्र दिवस मनाया. इस दौरान कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन में भारत की सेना के शौर्य में 'आत्मनिर्भरता' की भावना से ओत-प्रोत सैन्य कौशल और तरह-तरह की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया. 'नारी शक्ति'समारोह का मुख्य विषय था, जिसमें जनता व बड़ी संख्या में अन्य गणमान्य लोगों और सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ इस अवसर को उल्लेखनीय बनाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल थे.


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