Delhi News: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर राजधानी दिल्ली (Delhi) में मंडरा रहे आतंकी खतरे से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) तैयार है. अगर दहशतगर्द आज के दौर का सबसे बड़ा खतरा है तो उस खतरे को ख़त्म करने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी टीम तैयार की है जिससे टक्कर ले पाना किसी भी दहशतगर्द के लिए मुमकिन नहीं. उस टीम के सदस्य पलक झपकते ही स्पाइडर मैन (Spider Man) बन जाते हैं और चंद पलों में ही किसी भी ऊंचाई से नीचे आ जाते हैं. ये दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमांडो (Special Commando) हैं.


दिल्ली पुलिस अकादमी के डायरेक्टर विजय सिंह ने बताया कि समय-समय पर इन सभी स्पेशल कमांडो की ट्रेनिंग को दी जाती है. क्योंकि अभी गणतंत्र दिवस नजदीक है और कहीं ना कहीं दहशतगर्दों का खतरा दिल्ली पर मंडराता रहता है यही वजह है कि इन्हें हर खतरे से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है.  ये इन कमांडोज की ट्रेनिंग का एक हिस्सा है अगर किसी होटल में या किसी ऊंची इमारत में आतंकवादी दाखिल हो जाए और बाहर से अंदर जाने का रास्ता न हो तो पहले कमांडो हेलीकॉप्टर के जरिए बिल्डिंग की छत पर उतरते हैं और फिर पलक झपकते ही करीब 50 फीट तक नीचे आ जाते हैं. 


अंधेरे में वार कर सकते हैं ये कमांडो
 जॉइंट कमिश्नर अजित कुमार सिंगला ने बताया कि ये कमांडो दुनिया भर के टॉप कमांडोज में से एक है. ये अंधेरे में वार कर सकते हैं.ये दिन में दुश्मन को आसानी से निशाना बना सकते हैं. एक एक कमांडो 10-10 दुश्मन पर भारी पड़ता है. इन कमांडोज़ की ट्रेनिंग हर रोज़ सुबह 5 बजे शुरू की जाती है.शारीरिक, लिखित और मनोवैज्ञानिक परीक्षा में पास होने वाले जवान इस टीम में शामिल होते हैं. विस्फोटक से निपटने में माहिर होने की तकनीक बताई जाती है. इमारत में घुसकर हमला करने की रणनीति सिखाई जाती है. बंधकों को छुड़ाने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है. रोपिंग यानी रस्सी के सहारे इमारत में घुसना, इमारत से नीचे उतरना और दुश्मनों को जकड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है. 


इन हथियारों से प्रैक्टिस करते हैं ये जवान
डीपीए के डायरेक्टर विजय सिंह ने कहा कि इन सभी कमांडोज को घातक हथियारों के सटीक इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाती है. रोज़ाना करीब 9 घंटे तक ट्रेनिंग करते हैं लेकिन कभी कभी ये ट्रेनिंग 12-12 घंटे तक हो जाती है. दिल्ली पुलिस अकादमी के डायरेक्टर विजय सिंह ने बताया कि स्वात टीम में शामिल होने के लिए 3 महीने की ट्रेनिंग करवाई जाती है. इन सभी के पास सबसे आधुनिक हथियार है. एके 47, एमपी 5 और ग्लाक पिस्टल कैरी करते हैं. इसके अलावा इज़रायल की कॉर्नर शॉट गन, लेज़र बीम से लैस राइफल से भी जवान प्रैक्टिस करते है. 


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