Delhi: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की झांकी नजर नहीं आएगी. केंद्र ने दिल्ली सरकार की तरफ से झांकी के लिए भेजे गए प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की सरकार पर हमला बोला है. आप की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की गंदी राजनीति का पुख्ता उदाहरण है.


प्रियंका कक्कड़ ने आगे कहा, "दिल्ली के विश्वविख्यात शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को गर्व से हम गणतंत्र दिवस परेड में झांकी पर दिखाना चाहते थे, लेकिन अफसोस कि ये होने नहीं दिया. लगातार 5 साल बीजेपी शासित असम, गुजरात, उत्तराखंड और यूपी को लगातार मौका दिया जा रहा है, लेकिन दिल्ली और पंजाब को पिछले साल की तरह इससे बाहर रखा गया. काश पीएम मोदी का दिल भी दिल्ली वालों जितना बड़ा होता और गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली अपना मॉडल सामने रख पाती."



'शिक्षा मॉडल की हर तरफ हुई तारीफ'


आप प्रवक्ता ने कहा, "दिल्ली में हमारा स्वास्थ्य और शिक्षा मॉडल गौरव का विषय है. केंद्र के नीति आयोग ने भी कहा कि देश के टॉप 10 स्कूलों में दिल्ली के सरकारी स्कूल इसलिए हैं क्योंकि ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी तारीफ की, मेलानिया ट्रंप भी सरकारी स्कूल देखने आईं. शिक्षा मॉडल की हर तरफ तारीफ हुई, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून और कोफी अन्नान ने स्वास्थ्य मॉडल की तारीफ की."


कक्कड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की ओर से देश के सामने दिल्ली मॉडल पेश हुआ. इसमें सबसे कम महंगाई, उच्चतम प्रति व्यक्ति आय, 24 घंटे बिजली, मुफ़्त बिजली, 10 साल में 30 फ्लाईओवर बने, अनुमानित से कम लागत में, उच्चतम ईवी चार्जिंग स्टेशन, 17 प्रतिशत गाड़ियां इलेक्ट्रिक हुई हैं. 1300 दिव्यांग अनुकूल इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं.


पंजाब के साथ केंद्र अपना रही दोहरा रवैया- भारद्वाज


वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "26 जनवरी एक राष्ट्रीय पर्व है, इस पर सभी का अधिकार है. बार-बार दिल्ली की झांकी को 26 जनवरी की परेड के लिए रोकना अच्छी बात नहीं है. दिल्ली देश की राजधानी है. इसे और प्राथमिकता मिलनी चाहिए. पंजाब के साथ केंद्र सरकार दोहरा रवैया अपना रही है. उनका पैसा रोका हुआ है. पंजाब में जो काले कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन चला और 600 किसानों की जान गई. इसके बाद केंद्र सरकार को उनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए."


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