Jawaharlal Nehru University: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गुरुवार को देशभक्त और आध्यात्म दोनों का संगम देखने को मिला.एक तरफ जहां पारंपरिक वेशभूषा में छात्र-छात्राओं ने बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया. वहीं, गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में अलग-अलग जगहों पर ध्वजारोहण भी किया गया. 


2018 से हो रहा है पूजन का आयोजन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गुरुवार को बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि कुछ विवाद के कारण पहले परिसर में सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन  वर्ष 2018 से यह पूजन कार्यक्रम का यहां लगातार आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे हम सभी को एक नई ऊर्जा प्रदान मिलती है. 




पूजा के बाद बांटा गया प्रसाद

गौरतलब है कि परिसर में इस दौरान हवन-पूजन भी किया गया. इस दौरान छात्र-छात्राएं पारंपरिक वस्त्र पहने और तिलक के साथ विधि-विधान से पूजन में शामिल हुए. इसके बाद छात्रों में प्रसाद वितरण किया गया. इसके अलावा छात्रों द्वारा साबरमती हॉस्टल में भी सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया था.




देशभक्ति और अध्यात्म साथ-साथ

जेएनयू में सरस्वती पूजन कार्यक्रम को लेकर पीएचडी की छात्रा दीपिका शर्मा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि हम सभी छात्र-छात्राओं के लिए यह बेहद खास अवसर रहा. गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद माता सरस्वती की आराधना करने का हम सभी को अवसर मिला. यह अवसर नए उत्साह और ऊर्जा से भर देना वाला रहा. इस दौरान हम सभी छात्रों ने भारत को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि जेएनयू परिसर में आज देशभक्ति और आध्यात्म  का अद्भुत संगम देखने को मिला है. गौरतलब है कि वामपंथ का गढ़ समझे जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में इन दिनों दक्षिणपंथी एबीवीपी और वाम समर्थित आइसा के छात्रों के बीच कई बार संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में यह सरस्वती पूजा का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. गौरतलब है कि एक दिन पहले भी प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर विवाद हो गया था.  


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