नीट-पीजी 2021 की काउंसेलिंग में देरी को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) के प्रदर्शन को तेज करते हुए दिल्ली के तीन सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने रूटीन सर्विसेस का बायकॉट कर दिया है. इन अस्पतालों के नाम हैं - आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल. यहां इमरजेंसी सर्विसेस चालू रहेंगी लेकिन रेग्यूलर सर्विसेस बंद कर दी गई हैं.
इन अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द ही नीट पीजी काउंसलिंग पूरी नहीं की गई तो वे आपातकालीन सेवाओं को भी बंद कर देंगे. इससे जनता को जो भी तकलीफ होती है उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. दरअसल इन डॉक्टरों की मांग है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने के पहले नीट पीजी के रेजिडेंट डॉक्टरों की काउंसलिंग हो जानी चाहिए. ताकि पहले से काम कर रहे डॉक्टरों को मदद के लिए और हाथ मिल जाएं. उनका कहना है कि पहले ही डॉक्टरों की कमी है लेकिन फिर भी वह धैर्य से मरीजों की सेवा कर रहे हैं लेकिन उन्हें और परेशान न किया जाए.
प्रशासन को किया आगाह -
राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रशासन को आगाह किया है कि अगर नीट-पीजी काउंसलिंग को तुरंत पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उसके सदस्य आपात सेवाओं का बहिष्कार करेंगे.
आरडीए ने कहा, ‘‘नीट-पीजी, 2021 काउंसिलिंग में देरी के लिए जिम्मेदार गर्वनिंग बॉडी के इनसेंसिटिव रिस्पांस के कारण हम तीन दिसंबर से तब तक आरएमएल अस्पताल में सभी नियमित सेवाओं का बहिष्कार करने के लिए मजबूर हैं जब तक हमारी वास्तविक मांगें पूरी नहीं की जाती हैं.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अस्पताल में सभी आपात सेवाएं पहले की तरह चलेंगी. अगर पार्टीज ने नीट-पीजी 2021 काउंसेलिंग को तत्काल पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो हमें आपात सेवाओं को बंद करने का कठिन फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी.’’
राष्ट्रीय और राज्य आरडीए के साथ मिलकर लिया फैसला -
आरएमएल रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य आरडीए के साथ मिलकर यह फैसला लिया गया है. उनसे मुलाकात करने के बाद कार्य योजना पर फैसला लिया जाएगा. आरडीए ने कहा कि कोविड की नयी लहर आने की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को ढहने से रोकने के लिए जल्द से जल्द काउंसेलिंग की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
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