Delhi Doctors Strike: दिल्ली के बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. नीट पीजी की काउंसलिंग में देरी होने की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में भाग लेने से मना कर दिया है. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट डॉ तृप्ति अनेजा का कहना है, हम सरकार और सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि नीट पीजी की काउंसलिंग जल्दी से जल्दी शुरू की जाए. पिछले 4 महीने से काउंसलिंग की डेट आगे बढ़ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी को सुनवाई की तारीख तो तय कर‌ दी है लेकिन जैसे-जैसे काउंसलिंग की डेट आगे बढ़ती जा रही है उससे हमें लगता नहीं है कि 6 जनवरी को भी कोई ठोस नतीजा निकलेगा.


45000 अभ्यर्थियों का एडमिशन रुका
नीट पीजी की काउंसलिंग में देरी होने की वजह से तकरीबन 45000 अभ्यर्थियों का एडमिशन रुका हुआ है. MAMCRDA के प्रेसिडेंट डॉ केशव सिंह का कहना है, काउंसलिंग में देरी होने की वजह से 50,000 से ज्यादा डॉक्टर घरों में बैठे हुए हैं. दिल्ली में जब कोरोना की दूसरी लहरा आई तो ऑक्सीजन खत्म हो गया. सरकार ने रामलीला मैदान में टेंट तो लगा दिए. लेकिन टेंट से इलाज नहीं होगा. उन टेंटो में डॉक्टर चाहिए जो कि हमारे पास नहीं हैं. अगर इस बार कोरोना कि तीसरी लहर आती है तो डॉक्टर लोगों बचाने के लिए रहेंगे ही नहीं बल्कि डॉक्टर खुद साथ में मरेंगे. उन्होंने कहा, मरीज का हम कभी भी बुरा नहीं करना चाहते लेकिन हमें मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ रही है. अगर इस हड़ताल से किसी मरीज की मौत हो जाती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी.


 दिल्ली में 6 दिसंबर को हड़ताल की थी
अभी तक दिल्ली सरकार ने केंद्र की सरकार को एक भी नोटिस नहीं भेजा कि नीट पीजी की काउंसलिंग जल्दी कराई जाए. इससे पहले भी दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों ने 6 दिसंबर को हड़ताल की थी लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आश्वासन के बाद एक हफ्ते के लिए हड़ताल स्थगित कर दी थी. गौरतलब है कि ये हड़ताल ऐसे वक्त हो रही है जब ओमिक्रोन के मामले  दिल्ली में तेजी से बढ़ रहें हैं और कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चिंता की बात है.


सरकार कोई विकल्प नहीं छोड़ रही-डॉ तृप्ति
डॉ तृप्ति का कहना है सरकार हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ रही है तो हम क्या करें. हम कब तक इंतजार करें. सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी की सुनवाई की तारीख तय तो की है लेकिन पता नहीं उसमें नतीजा आयेगा की नहीं. हो सकता है कि 6 जनवरी के बाद भी हमें कोई समाधान ना मिले. हम दिल्ली सरकार से भी समर्थन चाहते हैं कि वह केंद्र सरकार के सामने हमारी बात रखें क्योंकि अगर दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आती है तो लोगों का इलाज करने के लिए हमारे पास डॉक्टर ही नहीं होंगे.


आज एलएनजेपी अस्पताल में शनिवार होने की वजह से मरीजों की संख्या कम ही रही, लेकिन आने वाले समय में अगर डॉक्टर हड़ताल पर ही बैठे रहे तो आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.


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