Delhi Politics: INDIA गठबंधन के बीच गहरी होने लगी दरार! कांग्रेस ने AAP के खिलाफ LG से की जांच की मांग
चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल थे ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और उन्हें दिल्ली में आसमान सर्कल रेट को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.
Delhi News: विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के रूप लेने के बाद से 15 अगस्त के पहले तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ नरमी का रुख अपनाते हुए आप से जुड़े मुद्दे को लेकर चुप्पी साध रखी थी. लेकिन, 15 अगस्त से एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी, आप पर हमलवार हो गई है. इसकी शुरुआत हुई स्वतंत्रता दिवस के दिन से जब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा विधासभा का सत्र बुलाने को लेकर उन्हें आड़े-हाथों लेते हुए नौटंकीबाज करार देते हुए कहा था कि उनका ध्यान मुद्दों पर नहीं है. जबकि आप के शराब घोटाले को उजागर करने का श्रेय लेते हुए बताया कि आज कांग्रेस के कारण ही पूर्व उपमुख्यमंत्री घोटाला में जेल में हैं.
एलजी से की जांच की मांग
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने केजरीवाल के बंगले को लेकर फिर से उन पर सवाल उठाया और कहा कि दिल्ली की जनता के हित मे वे आवाज उठाते रहेंगे और विपक्षी होने के नाते सवाल पूछना उनका काम है, जिसे वो आगे भी जारी रखेंगे. इसके दो दिनों बाद ही यानी कल चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें, अ.भा.क. कमेटी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व विधायक देवेन्द्र यादव, कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज एवं पूर्व विधायक विजय लोचव आदि शामिल थे. उपराज्यपाल वीके. सक्सेना से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली में आसमान सर्कल रेट को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कांग्रेस की तरफ से आसमान सर्कल रेट में भ्रष्टाचार की बात कही गई. जिसकी जांच की मांग उपराज्यपाल से की गई है, साथ ही यह भी कहा गया कि इस आसमान सर्कल रेट को पूरी दिल्ली में एक समान किया जाए.
'भू-माफिया को लाभ पहुंचाने का आरोप'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में कम से कम 6 करोड़ प्रति एकड़ सर्कल रेट होना चाहिए. इससे पहले दिल्ली में 7 बार सर्कल रेट बढ़ाए गए है जो पूरी दिल्ली में एक समान तय किए गए थे. लेकिन आप की दिल्ली सरकार ने पहली बार अलग-अलग क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की असमान दरें तय की हैं, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है. इसलिए वे इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का कृषि भूमि के नए सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिल्लीवालों के खिलाफ है. क्योंकि प्रस्तावित कृषि भूमि का सर्कल रेट विभिन्न जिलों में अलग-अलग रखे गए है, जिसके कारण दिल्ली के किसानों में भारी असंतोष है. कृषि भूमि का सर्कल रेट एक समान होना चाहिए, क्योंकि इससे पूर्व भी सर्कल रेट एक समान थे. लेकिन दिल्ली सरकार ने भू-माफिया और एक विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से हरित क्षेत्र के गांव, शहरीकृत गांव और ग्रामीण गांव की श्रेणी में बांटकर कृषि भूमि के सर्कल रेट की दरें बढ़ाई हैं.
सर्कल रेट को लेकर गहराया विवाद
उन्होंने कहा कि जहां नई दिल्ली जिला में 5 करोड़ प्रति एकड़ वहीं पूर्वी जिला में 2.25 करोड़ प्रति एकड़ तय करने की प्रस्तावना है. यह पहली बार हुआ है जबकि सर्कल रेट में इतना अधिक अंतर है. उत्तरी व पश्चिमी दिल्ली में प्रति एकड़ 3 करोड़ रुपए, दक्षिण पूर्व दिल्ली में 2.25 करोड़ प्रति एकड़ रखा तय किया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 7 बार दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट बढ़ा जिसे एक समान रखा गया था. 1990 में 4.65 लाख प्रति एकड़, 1997 में 10 लाख प्रति एकड़, 1998 में शीला दीक्षित सरकार ने 11.20 लाख प्रति एकड़, 2001 में 15.70 लाख प्रति एकड़, 2005 में 17.58 लाख प्रति एकड़ और 2007 में 53 लाख प्रति एकड़ पूरी दिल्ली में एक समान सर्कल रेट तय किया गया था.
यह भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर ने जोड़े हाथ, हंगामे के बीच BJP नेताओं से कहा- 'अगर आप चाहते हैं तो...'