Education News: उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) जल्द ही अनौपचारिक शिक्षा को भी मान्यता देने के साथ क्रेडिट देने के लिए विचार कर रहे हैं. उदाहरण के लिए परिवार से मिली वैध शिक्षा, उपचार शिक्षा या कलाकारों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी से सीखी गई कला को उम्मीदवार के कौशल और अनुभवों के रूप में औपचारिक योग्यता और सर्टिफिकेट में बदला जा सकता है.
इस ही के साथ इंटर्नशिप, ट्रेनिंग, सेल्फ लर्निंग इत्यादि भी इसका हिस्सा होंगे. ऐसा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ड्राफ्ट भी पेश किया है जिसका नाम Recognition of Prior Learning (RPL) दिया गया है. इसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) को ना सिर्फ अहमियत दी गई है बल्कि आधिकारिक तौर पर मान्यता भी दी जाएगी.
उच्च शिक्षा में प्रवेश की सुविधा को बढ़ाएगा
इस ड्राफ्ट की गाइडलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय कौशल योग्यता के साथ मिलती हैं जो उच्च शिक्षा में प्रवेश की सुविधा को बढ़ाएगा. वहीं पाठ्यक्रम की अवधि को कम करने में भी मदद कर सकते हैं.
'उम्मीदवारों के लिए कमाने के रस्ते खुल पाएंगे'
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार बताते हैं कि हमारे देश में बड़ी संख्या अनौपचारिक तरह से काम करने वाले लोगों की है ,जिनके लिए औपचारिक शिक्षा और करियर में अवसरों की जरूरत है , RPL की मदद से हम इस जनसंख्या तक वो औपचारिक मदद पहुंचा पाएंगे जिससे उन्हें भविष्य में कई अवसर मिल सकेंगे. RPL के ज़रिए उम्मीदवार को अनौपचारिक शिक्षा से हासिल कौशल के लिए औपचारिक मान्यता मिल पाएगी. इससे कई उम्मीदवारों के लिए कमाने के रस्ते खुल पाएंगे. "
रोजगार पाने के लिए कर सकते हैं इस्तेमाल
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में इस तरह के प्रोग्राम पहले से चल रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका उन देशों में से एक हैं जहां पहले से हासिल कौशल को पढ़ाई के क्रेडिट में शामिल किया जाता है. इन कौशल से हासिल सर्टिफिकेट भी मिलता है जिसका इस्तेमाल उम्मीदवार रोजगार पाने के लिए कर सकते हैं.
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