JNU में पहली बार निकला RSS का पथ संचालन, वाम छात्र संगठनों ने प्रशासन से मांगा स्पष्टीकरण, कार्रवाई की मांग
RSS Path Sanchalan In JNU: आइसा (AISA) ने एक बयान में कहा है कि कई सालों से जेएनयू प्रशासन ने परिसर में किसी भी प्रकार की भीड़ और प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है.
Delhi News: दिल्ली स्थित जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (Jawahar Lal Nehru University) के गई वामपंथी छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित ‘पथ संचालन’ (Path Sanchalan) को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है. वामपंथी छात्र संगठनों के नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. छात्र संगठनों ने सोमवार को दावा किया कि यह पहली बार है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में ऐसी परेड निकाली.
ABVP माना, निकाला पथ संचालन
आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने कहा कि रविवार रात में स्वयंसेवकों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में यह मार्च (RSS Path Sanchalan) निकाला, जिसका समापन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक खंड पर जाकर हुआ. जेएनयू एबीवीपी इकाई के सचिव विकास पटेल ने कहा कि विजयादशमी पर आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पथ संचालन निकाला. जेएनयू प्रशासन ने वाम छात्र संगठनों की ओर से मार्च के खिलाफ ऐतराज पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उसने यह भी नहीं बताया कि आयोजकों ने इसके लिए अनुमति ली थी या नहीं.
इस तरह की सभाओं पर है पाबंदी
आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के एक प्रतिनिधि ने पीटीआई-भाषा से कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुआ है कि आरएसएस को परिसर में मार्च निकालने की अनुमति दी गई. आइसा नेताओं ने आरोप लगाया कि स्वयंसेवकों ने ‘सांप्रदायिक गीत गाये और नारे लगाये’ तथा प्रशासनिक खंड के समीप सभा की जहां दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तरह के आयोजन पर पाबंदी लगा रखी है.
आइसा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अभिज्ञान ने दावा किया कि यह पहली बार है कि आरएसएस ने जेएनयू परिसर में मार्च का आयोजन किया है. जेएनयू प्रशासनिक खंड की 100 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर उच्च न्यायालय ने 2017 में रोक लगा दी थी. आइसा ने एक बयान में कहा, ‘‘कई सालों से जेएनयू प्रशासन ने इस परिसर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की भीड़ और प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है. विभिन्न संगठनों के छात्र कार्यकर्ताओं पर उस क्षेत्र में जमा होने पर जुर्माना लगाया जा चुका है और उन्हें दंडित किया जा चुका है.’’
मार्च के सवाल JNU प्रशासन दे जवाब
वामपंथी छात्र संगठन ने आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा मार्च निकालने पर विश्वविद्यालय प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है. उसने आयोजकों पर उपयुक्त कार्रवाई की मांग भी की है.
SFI ने जारी की मार्च की वीडियो
जेएनयू की स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की ओर से जारी एक वीडियो में आरएसएस के परिधान में लोगों को प्रशासनिक खंड के पास बैठे हुए और ‘जागो तो एक बार हिंदू’ जैसे नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. इन लोगों को आरएसएस के परंपरागत खाकी परिधान में विश्वविद्यालय परिसर में सड़कों पर मार्च निकालते हुए देखा जा सकता है.