RT-PCR test increase in Delhi: दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस के मामले भले ही कम हुए हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसके केस बढ़े हैं. यहीं नहीं कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भी लगातार आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना टेस्ट कराने का दौर जारी है. इसमें सबसे ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं. दिल्ली में दिसंबर में अभी तक हुए कोरोना वायरस की कुल जांच में 88.50 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच हैं, जो पिछले साल दिसंबर की तुलना में 50 फीसदी से काफी अधिक है.


आरटी-पीसीआर टेस्ट में बढ़ोतरी पर अधिकारियों का कहना है कि जांच से आने वाले सटीक परिणाम वजह से ऐसा हो सकता है. पिछले साल के मुकाबले इस साल जांच भी आसान हुई है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में अभी तक कोविड की कुल 11.86 लाख जांच हुई हैं, जिनमें से 10.49 लाख आरटी-पीसीआर जांच हैं. पिछले साल दिसंबर में आरटी-पीसीआर जांच की दर 50.24 प्रतिशत थी जो जनवरी में बढ़कर 57.65 प्रतिशत हो गई थी.


नवंबर में 12.31 लाख हुई आरटी-पीसीआर जांच 


फरवरी में यह 64.81 फीसदी, मार्च में 64.29, अप्रैल में 66.02 और मई में 75.17 प्रतिशत थी. जून में यह गिर कर 71.42 फीसदी रह गई थी, जुलाई में 69.69 प्रतिशत रही और फिर अगस्त में बढ़कर 69.81 प्रतिशत हो गई थी. सितंबर के महीने में हुई कोविड की कुल जांच का 70.08 प्रतिशत आरटी-पीसीआर था और अक्टूबर में यह प्रतिशत 74.40 था. जबकि नवंबर में आरटी-पीसीआर जांच की संख्या 12.31 लाख यानी 82.74 प्रतिशत थी. नवंबर महीने में संक्रमण के लिए कुल 14.87 लाख सैंपल की जांच की गई थी.


अप्रैल की तुलना में कम हुई जांच


सरकार के एक अधिकारी के अनुसार पिछले एक साल में जांच के बुनियादी ढांचे में सुधार और उसके ज्यादा ‘‘भरोसेमंद’’ होने के कारण आरटी-पीसीआर जांच की संख्या में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि अब ज्यादा लैब आरटी-पीसीआर जांच कर रही हैं और उसका परिणाम भी जल्दी आ रहा है. लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि यात्राओं, अस्पताल में भर्ती और किसी भी स्थान में प्रवेश के लिहाज से प्रशासन आरटी-पीसीआर जांच को ज्यादा ‘सही’ मानता है. यह भी एक कारण हो सकता है कि ज्यादा संख्या में लोग यह जांच करा रहे हैं. आंकड़ों से यह बात भी सामने आई है कि अप्रैल में कोविड की कुल जांच संख्या 25.77 लाख थी जो घटकर नवंबर में 14.87 लाख रह गई.


आरटी-पीसीआर जांच काफी सटीक


अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में आई कमी की वजह से भी जांच में कमी में आई है. एक अधिकारी ने बताया, "दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद जांच की संख्या में भी कमी आई है, लेकिन हम रोजाना 50 से 60 हजार सैंपल की जांच लगातार कर रहे हैं." रियल टाइम पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच नमूने में वायरस के जेनेटिक मटेरियल (आरएनए) का पता लगाता है और काफी सटीक है. इसका परिणाम आने में दो दिन तक का समय लग सकता है. इस जांच के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में लक्षण नजर आने से पहले ही यह वायरस की मौजूदगी का पता लगा लेता है और परिणाम समय पर मिलने से संक्रमित व्यक्ति को जल्दी आइसोलेशन में रखकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.


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