पूर्व PM मनमोहन सिंह का कब होगा अंतिम संस्कार? संदीप दीक्षित ने दिया अपडेट, बोले- 'उनकी एक बेटी हैं जो...'
Manmohan Singh Death: संदीप दीक्षित ने कहा कि मेरे लिए संतोष का विषय है कि जब वो पीएम थे तो मैं दिल्ली से सांसद रहा. उनके साथ बेहतर सियासी माहौल में काम करने का मौका मिला.
Manmohan Singh Died: देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पा लाने वाले और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन होने के बाद दिल्ली कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित शुक्रवार को उनके आवास पर पहुंचे. उन्होंने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि अभी उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है.
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आगे कहा, "अभी कार्यक्रम तय नहीं है. उनकी एक बेटी हैं जो बाहर से आ रही हैं. शायद वो दोपहर या शाम तक दिल्ली आ पाएंगी. उसके बाद ही सब तय होगा. हो सकता है कि अंतिम संस्कार कल हों. बरसात के कारण उनके अंतिम दर्शन का प्रोग्राम थोड़ा डिले हो गया है. शायद 9 से 10 बजे के बाद उनके पार्थिव शरीर को जनता के दर्शन के लिए रखा जाए."
#WATCH दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "अभी कार्यक्रम तय नहीं है। उनकी एक बेटी हैं जो बाहर से आ रही हैं वे दोपहर या शाम तक आएंगी। उसके बाद ही सब तय होगा। हो सकता है कि अंतिम संस्कार कल हों। शायद 9-10 बजे के बाद आम जनता को… pic.twitter.com/9NB1tqhfCq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2024
उन्होंने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह से पारिवारिक रिश्ते और निजी अनुभवों को साझा करते हुए कहा, "मेरे पिता ने उनके साथ काम किया था. अर्जेंटीना सहित कई देशों के सरकार दौरे के दौरान वो उनके साथ गए. उस समय मनमोहन सिंह और मेरे पिता जी कॉमर्स मिनिस्ट्री में कार्यरत थे. दोनों ने कई बार एक साथ विदेश का दौरा किया."
उस समय हम लोग बच्चे थे. उनकी एक बेटी उपेंद्र सेंट स्टीफेंस कॉलज में मेरी टीचर रही हैं. एक और बिटिया मेरी सीनियर थीं. इस लिहाज से मनमोहन सिंह के साथ हम लोगों का एक पारिवारिक रिश्ता भी रहा.
फिर जब वो देश के वित्त मंत्री बने तो सभी ने देखा कि उन्होंने आर्थिक सुधार के क्षेत्र में बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए. मेरे लिए संतोष का विषय यह है कि जब वो पीएम थे तो मैं दिल्ली से सांसद रहा. उनके साथ काम करने का मौका मिला. कई मौकों पर हम लोग एक-दूसरे से मिले भी.
'इस बात के लिए किए जाएंगे याद'
यूपीए टू के साल 2012 से 2014 के दौरन जब कांग्रेस और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर तीखे हमले होने लगे तो वह कभी-कभी कहा करते थे, "मैं, समझ नहीं पा रहा हूं. राजनीति में इस तरह का तीखापन क्यों आ गया?"
संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि उनका निधन होना बड़ी क्षति है. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह एक और बात के लिए याद किए जाएंगे. वो बात यह है कि बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों को किस तरह के आचरण और अनुशासन का परिचय देना चाहिए. इस मामले में वो सभी के लिए बहुत बड़े उदाहरण रहे हैं और आगे भी रहेंगे.
जब JNU में विरोध कर रहे छात्रों का खुद मनमोहन सिंह ने किया था बचाव, वाइस चांसलर को PMO से आया था फोन