Sandeep Dikshit on Ghulam Nabi Azad Resignation: कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद  (Ghulam NabiAzad) ने कांग्रेस (Congress) के इस्तीफा दे दिया है. आजाद के इस इस्तीफे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने कहा कि पार्टी छोड़ने से दुर्भाग्यवश उन नीतियों, व्यवस्था और व्यक्तियों को मजबूती मिलेगी जिनके चलते हमने पार्टी के भीतर सुधार के लिए पत्र लिखा था. आजाद के बिना कांग्रेस और कमजोर होगी, लेकिन आज त्यागपत्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद वह नहीं हैं जिन्होंने कभी ‘जी 23’ का पत्र लिखा था.


कांग्रेस नेता और ‘जी 23’ में शामिल रहे संदीप दीक्षित ने गुलाम नबी आजाद को उनके इस्तीफे के बाद पत्र लिखकर कहा कि हमने पार्टी के भीतर सुधार का बैनर उठाया था, विद्रोह का नहीं. गुलाम नबी आजाद ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पांच पन्नों में भेजा है. 



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राहुल गांधी पर लगाए ये आरोप


कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दिया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है." सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा- '2014 में आपके और उसके बाद राहुल गांधी द्वारा नेतृत्व संभाले जाने के बाद, कांग्रेस अपमानजनक ढंग से दो लोकसभा चुनाव हार गई. 


अजय माकन ने जताया दुख


इसके साथ ही इस इस्तीफे पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हमने (गुलाम नबी) आजाद साहब का (इस्तीफे का) पत्र देखा. दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देश भर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है. दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में हिस्सा नहीं बन रहे.


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