Delhi Latest News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. संदीप पाठक ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि हेल्थ एक ऐसा विषय है जिसको हम राज्य और केंद्र में बांटकर देखेंगे तो देश कभी बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. यह विषय पूरे देश के लिए अहम है. 


उन्होंने बदहाल स्वास्थ्य सेवा को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि साल 2014 में छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा चलाए जा रहे नसबंदी कैंपेन में पहले ही दिन सर्जरी कराकर घर पहुंचने वाली 10 महिलाओं की मौत हो गई. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से 63 बच्चों की मौत हुई. इसी अस्पताल में 2016 में 5000 से ज्यादा और 2014 में 6000 से ज्यादा बच्चों की मौतें हुई. नांदेड के सरकारी अस्पताल में एक दिन में 33 लोगों की मौतें हुई. इसका कारण कम स्टाफ और कम डॉक्टर होना था. 


बेहाल स्वास्थ्य सेवा के लिए केंद्र को बताया जिम्मेदार 


आप सांसद संदीप पाठक ने आगे कहा, 'कम कमाई करने वाले लोगों के लिए आपने नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) और आयुष्मान भारत योजना बनाई लेकिन मिडिल क्लास लोगों को ध्यान में रखकर कोई स्कीम नहीं बनाई है. जो मिडिल क्लास सरकार को टैक्स दे रहा है उसे इन दोनों योजनाओं में से किसी भी योजना का फायदा नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार की गंदी राजनीति की वजह से ही आज देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बदतर हो गई है. 


सिर्फ भाषण न दे बीजेपी सरकार- संदीप पाठक 


केंद्र सरकार ने बजट में हेल्थ का सिर्फ 1.4 फीसदी हिस्सा रखा है. सरकार का एजेंडा सिर्फ भाषण देना है. आज देश में बेहतरीन सरकारी अस्पताल नहीं हैं, डॉक्टर नहीं हैं, मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं हैं, अस्पतालों में दवाई कम पड़ रही हैं. इन सबके पीछे स्वास्थ्य बजट एक महत्वपूर्ण कारण है. इस देश का दुर्भाग्य है कि यहां की राजनीतिक पार्टियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य चुनावी मुद्दा नहीं है. 



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