(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'शुरुआत के 11 दिन बहुत मुश्किल थे', AAP नेता संजय सिंह ने बताया तिहाड़ में कैसे बिताए दिन
Sanjay Singh News: आप नेता और सांसद संजय सिंह ने बताया कि उन्हें पहले बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. इसके बाद जेल प्रशासन से बात की और मांग की कि मुझे एक आम कैदी के रूप में अधिकार दिए जाएं.
AAP MP Sanjay Singh on Tihar: दिल्ली आबकारी नीति के मामले में जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जेल में बिताए दिनों की आपबीति सुनाई है. संजय सिंह ने कहा कि शुरुआती 11 दिन जेल की छोटी सी कोठरी में काफी मुश्किल थे, बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. संजय सिंह ने शनिवार (6 अप्रैल) को कहा कि तिहाड़ जेल में 6 महीने रहने के दौरान उन्होंने दृढ़ता और साहस से काम लिया.
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने जेल में रहने के दौरान अपने परिवार के सदस्यों से ये भी कहा कि वे आंसू न बहाएं. राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को मंगलवार (2 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी. करीब 6 महीने तक तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद वह बुधवार (3 अप्रैल) को तिहाड़ जेल से बाहर आए थे.
जेल में शुरुआती 11 दिन काफी मुश्किल थे- संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तिहाड़ में बिताये अपने दिनों को याद किया. संजय सिंह ने कहा, ''शुरुआती 11 दिन छोटी सी कोठरी में काफी मुश्किल थे, बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी. मैं पुलिस सुरक्षा में था. इसके बाद, मैंने जेल प्रशासन से बात की और मांग की कि मुझे एक आम कैदी के रूप में अधिकार दिए जाएं. इसके बाद पुलिस सुरक्षा के तहत निश्चित समय के लिए कोठरी से बाहर जाने की अनुमति दी गई.''
जेल में कई किताबें पढ़ी- संजय सिंह
आप नेता संजय सिंह ने आगे कहा कहा, ''उन्होंने मुझे निश्चित समय के लिए संगीत कक्ष, बैडमिंटन कोर्ट में जाने की अनुमति देने का फैसला किया. यहां तक कि भोजन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया. मेरे पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए जेल में समय का सदुपयोग किताबें पढ़ने में किया. मैंने उन छह महीनों में नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी, डॉ. (राम मनोहर) लोहिया, भगत सिंह की पुस्तकें पढ़ीं. मैंने छह महीने में उतना पढ़ा जितना मैं छह साल में नहीं पढ़ पाया था.''
मनोबल काफी बढ़ा हुआ है- संजय सिंह
तिहाड़ में 6 महीने बिताने के बाद संजय सिंह ने कहा कि उनका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है और इससे उनकी आगे की लड़ाई मजबूत होगी. उन्होंने कहा, ‘‘या तो आप घर बैठें या फिर लड़ें. हम लड़ेंगे.’’ जब सिंह जेल में थे तो उनकी पत्नी अनीता ही सब कुछ संभाल रही थीं. इस बारे में बात करते हुए कि उनके परिवार ने उनकी गैर मौजूदगी में खुद को कैसे संभाला, सिंह ने कहा कि उन्होंने साहस और दृढ़ता से काम लिया और यहां तक कि अपने परिवार को मजबूत रहने के लिए भी कहा.
परिवार को जेल के किस्से सुनाते थे संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, ''किसी भी परिवार के लिए यह एक कठिन स्थिति होती है अगर वे ऐसी परिस्थितियों से जूझ रहे होते हैं. लेकिन सवाल यह है कि हम मजबूती से कैसे खड़े रह सकते हैं. मुझे पता था कि कैदियों और उनके परिवारों के बीच होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस को रिकॉर्ड किया जाता है. मैं अपने परिवार को जेल के दिलचस्प किस्सों या किसी मजेदार घटना से खुश करने की कोशिश करता था.''
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