Sanjay Singh On Arvind Kejriwal Health: आम आमदी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने रविवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश रच रही है. उन्होंने कहा, "सीएम अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की उपेक्षा केंद्र सरकार, बीजेपी और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना की उन्हें मारने की साजिश है."


सीएम अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर एलजी विनय सक्सेना की ओर से दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि ये क्या मजाक कर रहें हैं आप? क्या कोई आदमी खुद की रात में शुगर कम करेगा, जो बहुत खतरनाक है. एलजी साहब अगर आपको सीएम की बीमारी के बारे में पता नहीं तो आपको ऐसी लेटर नहीं लिखनी चाहिए. ईश्वर न करे कभी आप के साथ ऐसा समय आए.






'बीजेपी और एलजी कर रहे गलत बयानबाजी'


संजय सिंह का आरोप है कि सीएम केजरीवाल के हेल्थ को लेकर गलत बयानबाजी की जा रही है. कभी एलजी और बीजेपी वाले ये कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल खाना नहीं खा रहे हैं. वह भूखे रहकर शुगर लेवल कम कर रहे हैं. कभी यह कहते हैं कि सीएम मिठाई खाकर अपना शुगर लेवल जान बूझकर बढ़ा रहे हैं. 


'जेल में CM के साथ कुछ भी हो सकता है'


संजय सिंह ने ये भी कहा, "किस तरह से बीजेपी, देश की सरकार और दिल्ली के एलजी मिलकर अरविंद केजरीवाल की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. किस तरह से जेल में उनको मारने की साजिश की जा रही है."


जेल अधीक्षक की मेडिकल रिपोर्ट से भी साथ है कि सीएम केजरीवाल के साथ जेल में किसी भी समय अनहोनी घटना हो सकती है. केंद्र सरकार से मिलीभगत कर एलजी और बीजेपी जिस तरह से साजिश कर रहे हैं, उससे सीएम के स्वास्थ्य को लेकर शक और ज्यादा मजबूत होता है.


जेल अधीक्षक की रिपोर्ट में क्या है?


इससे पहले तिहाड़ जेल अधीक्षक ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर एलजी को बताया था कि वह जान बूझकर कम कैलोरी का सेवन कर रहे हैं. जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया था कि निगरानी चार्ट से पता चलता है कि 6 जून, 2024 और 13 जुलाई, 2024 के बीच सीएम ने दिन के समय तीनों टाइम भोजन के लिए निर्धारित आहार का पूरा सेवन नहीं किया था.


रिपोर्ट में उनके वजन के बारे में बताया गया है कि दो जून, 2024 को सीएम का 63.5 किलोग्राम था, जो अब  61.5 किलोग्राम हो गया है. ऐसा कम कैलोरी सेवन के कारण हुआ है. 18 जून, 2024 को उन्हें इंसुलिन नहीं दिया गया था या जेल के अफसरों ने तत्काल रिपोर्ट में इसे दर्ज नहीं किया. ज्यादातर दिनों में ग्लूकोमीटर टेस्ट रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच भी अंतर सामने आया है. ग्लूकोमीटर टेस्ट रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच विसंगतियों को चिकित्सा अधिकारियों द्वारा जांच कराने की जरूरत है. 


दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में 31 लोगों ने किया त्वचा दान, जानें- कितने लोगों को मिलेगी नई जिंदगी?