Sanjay Singh On Waqf Board: संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की गुरुवार को वक्फ बिल पर आज पहली बैठक है. इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का हमारी पार्टी विरोध करेगी. 


आप सांसद संजय सिंह के मुताबिक, "बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के संविधान की धारा 26 सभी को धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी देता है. संविधान में लिखा है कि धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन में कोई भी व्यवधान सरकार का नहीं होगा." 


उन्होंने कहा, "देश में एक दिन ऐसा आएगा, जब मंदिर की जमीन पर कब्जा होगी और सरकार उसे अपने दोस्तों को देने का काम करेगी". 


क्यों हो रहा इसका विरोध?


दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा तैयार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधन ने देश में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है. इस संशोधन बिल को लेकर विपक्षी दलों का आरोप है कि इसका मकसद मुस्लिम समुदाय को उनकी भूमि, संपत्ति और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत गारंटीकृत "धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता" से वंचित करना है. दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ एनडीए का तर्क है कि वक्फ बोर्डों को विनियमित करने की मांग मुस्लिम समुदाय की ओर से ही आती है.  


क्या है वक्फ बोर्ड? 


वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है, जिसके सदस्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए नामित होते हैं. वक्फ बोर्ड प्रत्येक संपत्ति के लिए एक संरक्षक नियुक्त करता है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसकी आय का उपयोग तय योजना और लक्ष्य के अनुरूप हो रहा है या नहीं. 1964 में स्थापित केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) पूरे भारत में राज्य-स्तरीय वक्फ बोर्डों की देखरेख और सलाह देती है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वक्फ बोर्डों को उनकी संपत्तियों के प्रबंधन पर सलाह भी देती है.


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