Exclusive: गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने क्यों नहीं दिया था इस्तीफा? AAP सांसद संजय सिंह ने किया खुलासा
Sanjay Singh Exclusive: संजय सिंह ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि विपक्ष सरकार गिराना चाहता था. लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया.
Sanjay Singh on Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा फैसला लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. अब उनकी जगह कोई और दिल्ली मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेगा. इसी के साथ सीएम केजरीवाल ने भरोसा जताया है कि दिल्ली की जनता आगामी चुनाव में उन्हें बहुमत देगी और तभी वह वापस मुख्यमंत्री बनेंगे. इसको लेकर अब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का बड़ा बयान आया है.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में संजय सिंह ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा क्यों नहीं दिया था? आप सांसद ने बताया, "केजरीवाल पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे. सिद्धांतों और उसूलों की बात आई तो उन्होंने 49 दिन के अंदर भी इस्तीफा दिया, लेकिन यहां मामला अलग था."
'विपक्ष की सभी सरकारें गिराना चाहती है बीजेपी'- संजय सिंह
संजय सिंह ने दावा किया कि विपक्ष आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार को खत्म करना चाहता था. वह महाराष्ट्र, अरुणाचल, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसी रणनीति का प्रयोग दिल्ली में करना चाहते थे. अगर इस प्रयोग में सफल हो जाते तो ममता बनर्जी, एमके स्टॉलिन और भगवंत मान की भी सरकारें गिराते. देश में एक चलन चल जाता.
'लोकतंत्र बचाने के लिए नहीं दिया इस्तीफा'
संजय सिंह ने आगे कहा कि हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर उनसे इस्तीफा लिया गया और सरकार गिराने की कोशिश की. यही चीज अगर दिल्ली में सफल हो जाती तो बीजेपी यहीं तक नहीं टिकती, पंजाब सरकार गिराने की भी कोशिश करती. केवल दो झूठे मुकदमे लिखकर सीएम को जेल में ही तो डालना है. उस प्रयोग को ध्वस्त करने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया, ताकि लोकतंत्र बचाया जा सके.
'दिल्ली में मजबूत है आम आदमी पार्टी'
संजय सिंह ने दावा किया, "बीजेपी एक गहरी साजिश कर के अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करती है और दिल्ली सरकार को गिराने की कोशिश करती है. बीजेपी दिल्ली में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की भी कोशिश करती है. ये प्रयोग उन्होंने अलग-अलग राज्यों में किया था और सफल हुए थे, यही काम दिल्ली में भी करना चाहते थे. हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने उनके मंसूबों को पस्त कर दिया. दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी रही है और बिना फेल हुए चलती रही."
बीजेपी का कहना है कि यह मजबूरी का फैसला है. अरविंद केजरीवाल के पास हस्ताक्षर करने या कोई फैसला लेने का पावर नहीं था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया. इस पर संजय सिंह ने कहा, "हमारी फाइल रोकने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई. सरकार के काम में अड़चन लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री को 9 दिन तक एलजी के घर में धरना देना पड़ा, लेकिन उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक का काम कराया, बिजली फ्री कराई, पानी फ्री कराया, आदि. बीजेपी की एक सरकार भी ऐसी नहीं है, जहां दिल्ली जैसे स्कूल बने हों, जहां सारी सुविधाएं देने के बाद मुनाफे का बजट दिया हो."
चुनाव जल्दी क्यों चाहती है आम आदमी पार्टी?
इस सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि यह तो खुद बीजेपी चाहती है- 'वन नेशन, वन इलेक्शन' हो. अगर महाराष्ट्र में हो रहा है, तो साथ में दिल्ली में भी हो जाए. इसके लिए तो खुद बीजेपी वाले राष्ट्रपति के पास गए थे और ज्ञापन दिया था कि दिल्ली में सरकार को बर्खास्त करो. अब अगर जल्दी हो जाते हैं तो जनता खुद तय कर लेगी.
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