Sanjay Singh ED Raids: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर छापेमारी पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पिछले 1 साल से हमलोग शराब घोटाला देख रहे है. कहीं कुछ नहीं मिला है. बहुत रेड इन लोगों ने करवाया है. शराब घोटाले में अभी तक कुछ नहीं मिला
उन्होंने कहा कि संजय सिंह के घर पर कुछ नहीं मिला. चुनाव आने वाला अपनी हार देखकर ये सब हो रहा है. चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आयेगा ये सारे एजेंसिया एक्टिव कर देंगें.
CM ने कहा कि पिछले एक साल से देख रहे हैं कि तथाकथित शराब घोटाले का शोर किया हुआ है लेकिन इनको एक भी पैसा नहीं मिला. करीब 1,000 से अधिक छापे मारे गए और कहीं से भी कोई रिकवरी नहीं हुई. कभी बोलते हैं कि क्लासरूम घोटाला हुआ, बसों की खरीद में घोटाला हुआ इन्होंने हर चीज़ में जांच करा ली. संजय सिंह के यहां भी कुछ नहीं मिलेगा.
उन्होंने कहा कि अगले साल चुनाव आ रहे हैं और इनको (भाजपा) लग रहा है कि यह हारने वाले हैं तो यह हारते हुए आदमी की हताश कोशिशें नज़र आ रही हैं.
AAP का आरोप- सवाल पूछे इसलिए छापा
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इसलिए ‘‘निशाना’’ बनाया, क्योंकि उन्होंने संसद में अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे उठाए थे.
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पार्टी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले के संबंध में सिंह के परिसरों पर ED के छापों पर प्रतिक्रिया दे रही थी. AAP प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा, ‘‘संजय सिंह अडाणी के मुद्दे पर सवाल पूछते रहे हैं, इसलिए उनके आवास पर छापे मारे जा रहे हैं. केंद्रीय एजेंसियों को पहले भी कुछ नहीं मिला था और आज भी कुछ नहीं मिलेगा. पहले, उन्होंने कल कुछ पत्रकारों के आवास पर छापे मारे और आज वे संजय सिंह के आवास पर तलाशी ले रही हैं.’’
संजय सिंह के पिता ने दी प्रतिक्रिया
संजय सिंह के पिता दिनेश सिंह ने कहा कि उनका बेटा ED के साथ सहयोग कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘अपना काम कर रही है. मुझे सटीक वक्त तो नहीं पता, लेकिन सुबह करीब साढ़े सात बजे वे छापे मारने आए... मैंने ED अधिकारियों को बताया कि वे देर रात तक तलाशी ले सकते हैं, हम नहीं चाहते कि वे बार-बार आएं.’’
आरोप हैं कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लाई गई आबकारी नीति ने गुटबंदी को बढ़ावा दिया और कुछ डीलर को फायदा पहुंचाया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. AAP ने इन आरोपों का खंडन किया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से मामले की जांच कराने की सिफारिश करने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद ED ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया था. सिंह ने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग की थी.Nअमेरिका स्थित कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितताओं और शेयर मूल्यों में हेरफेर करने के आरोप लगाए थे.अडाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है.