Raghav Chadha News: राज्यसभा में पांच सांसदों के बिना इजाजत उनके नाम सेलेक्ट कमिटी में प्रस्तावित करने के आरोपों से घिरे सांसद राघव चड्ढा के बचाव में सांसद संजय सिंह उतर आए हैं. आप सांसद संजय सिंह का कहना है कि, 'इनका मकसद है राहुल गांधी की तरह ही राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म करना. खतरनाक लोग हैं कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हम आम आदमी पार्टी के सिपाही हैं इनसे डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, राघव फिर चुन कर आ जाएगा.'
'राघव चड्डा ने नहीं किया विशेषाधिकार का हनन'
संजय सिंह ने आगे कहा कि, 'पूरा मसला क्या है? क्या सेलेक्ट कमेटी के लिए कोई सदस्य किसी का नाम प्रस्तावित कर सकता है, हां कर सकता है. क्या किसी साइन की जरूरत होती है, नहीं होती है. इसलिए राघव चड्डा ने किसी भी तरह के विशेषाधिकार का हनन नहीं किया है. फिर गृहमंत्री देश के सदन में झूठ क्यों बोल रहे हैं. गृहमंत्री गलत जानकारी क्यों दे रहे हैं. अगर इसमें वो लोग कुछ मनगढ़ंत कुछ करेंगे तो राघव फिर चुन के आकर आ जाएगा.'
राज्यसभा सचिवालय ने दिए जांच के आदेश
फिलहाल इस मामले में राज्यसभा सचिवालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं. ब्रावो और चड्ढा ने यह प्रस्ताव सलेक्ट कमेटी में भेजने के लिए प्रस्ताव की कॉपी राज्यसभा सचिवालय को सौंपी थी. उसकी जांच करके ये पता लगाया जाएगा कि इस प्रस्ताव पर सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं है. अगर नाम बिना इजाजत पाए गए तब फिर इन तमाम सांसदों सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, सस्मित पात्रा, पी कॉन्येक और थम्बी दुराई की ओर से विशेषाधिकार हनन के अलावा एफआईआर दर्ज करने की इजाजत मांगी जाएगी.
बढ़ सकती है राघव की मुश्किलें
राज्यसभा चेयर की तरफ से इन सांसदों को राघव चड्ढा के खिलाफ FIR दर्ज करने की इजाजत मिल गई तो फिर ये सांसद संसद मार्ग थाने में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के खिलाफ बिना इजाजत नाम देने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ऐसी सूरत में राघव चड्ढा की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. न केवल उनके सिर पर विशेषाधिकार हनन की तलवार लटक रही है बल्कि उनके ऊपर एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो विशेषाधिकार हनन के मामला साबित होने पर उनकी सदस्यता तो जाएगी ही पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद अगर सही पाया गया तो कोर्ट से उन्हें सजा भी दी जा सकती है.