Delhi Latest News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) का मसला उठाया है. उन्होंने इस बार एसपीए टाइप'2 से पीड़ित दो बच्चे और उनके माता-पिता को भी सामने लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए जो इंजेक्शन लगता है, उसकी कीमत 17 करोड़ है. अगर केंद्र सरकार इससे पीड़ित बच्चों व उनके अभिभावकों की मदद के लिए आगे नहीं आएगी तो कैसे होगा इनका इलाज?


संजय सिंह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दोनों बच्चे एक पिता की गोद में है और दूसरा मां की गोद में. दोनों गंभीर बीमारी से SMA टाइप-2 से पीड़ित हैं. मैंने संसद में मांग की थी कि जब तक केंद्र सरकार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी, तब तक उन्हें बचाना मुश्किल होगा.







अमीर माता-पिता भी नहीं लगवा सकते इंजेक्शन


आप सांसद न कहा कि अगर किसी बच्चे को यह हो जाए तो एक इंजेक्शन की कीमत 17 करोड़ रुपये है. टैक्स छूट के बाद इसकी कीमत करीब 10-11 करोड़ रुपये बैठता है. माता-पिता के लिए इसका खर्च वहन करना असंभव है, चाहे वे कितने भी अमीर क्यों न हों? 


केंद्र अमेरिकी कंपनी से करे बात


आप नेता संजय सिंह ने कहा कि सरकार को इस मसले पर हमारी बात सुननी होगा. मैं, केंद्र से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी नोवार्टिस के बारे में अमेरिकी सरकार से बात करें. केंद्र सरकार इस इंजेक्शन सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने का प्रयास करें. इन दोनों बच्चों को टाइप 1 का सबसे गंभीर एसएमए है. उन्होंने देश के लोगों से अपील की है कि वो भी आगे आएं. 100 रुपये से लेकर जिसकी जितनी क्षमता हो, मदद करें.


क्या होता है SMA?


स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है. यह शरीर में न्यूरॉन्स की कमी की वजह से होता है. यह वंशानुगत न्यूरोमस्कुलर विकारों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करता है, जो कुछ मांसपेशियों को कमजोर और नष्ट करता है. एसएमए में आपकी रीढ़ की हड्डी में एक विशेष प्रकार की तंत्रिका कोशिका का नुकसान होता है, जिसे लोअर मोटर न्यूरॉन्स कहा जाता है.


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