Delhi News: आम आदमी पार्टी AAP) के सांसद सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को पिछले साल मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा से 'अमर्यादित व्यवहार' के कारण निलंबित कर दिया गया था. वहीं अब बुधवार (26 जून) को संजय सिंह का निलंबन खत्म कर दिया गया है. अब संजय सिंह एकला बाद दोबारा संसद जा सकते है. बता दें संजय सिंह ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया पर दी है.
आप सांसद संजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल "एक्स" पर लिखा कि "लगभग एक साल के बाद संसद में जाने की अनुमति प्राप्त हुई. निलंबन खत्म हुआ. माननीय सभापति उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़ जी, प्रिविलेज कमेटी के सभापति व सभी माननीय सदस्यों का अत्यंत धन्यवाद व आभार."
क्यों हुए थे संजय सिंह निलंबित?
दरअसल, पिछले साल मॉनसून सत्र में विपक्ष मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़ा था. तब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि इस पर प्रश्न काल में की जाएगी. हालांकि, प्रश्न काल कुछ ही मिनटों तक चला था. इसके बाद संजय सिंह सभापति की कुर्सी के पास तक आ गए थे.
इसपर सभापति ने उन्हें वापस जाने को कहा था, लेकिन वह नहीं माने. वहीं बाद में पीयूष गोयल ने उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था. जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया था. इसके बाद संजय सिंह को 'अमर्यादित व्यवहार' के कारण निलंबित किया गया था.
बिना शर्त मांगी माफी?
सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने द्वारा अपने खिलाफ चार शिकायतों की सुनवाई के लिए बुधवार (26 जून) को हुई राज्यसभा विशेषाधिकार समिति के सामने बिना शर्त माफी मांगने की बात कही जा रही है. इस मामले के जानकारों ने बताया कि संजय सिंह के खिलाफ शिकायतों का निपटारा अब कर दिया गया है.
समिति की रिपोर्ट गुरुवार (27 जून) को उच्च सदन में रखी जाएगी. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता वाली समिति संजय सिंह के खिलाफ विशेषाधिकारों की शिकायतों की सुनवाई कर रही थी. इन शिकायतों में संजय सिंह द्वारा राज्यसभा के सभापति के निर्देशों की अवहेलना करना, 259वें सत्र के दौरान 12 सदस्यों द्वारा सभापति के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना करना है.
इसके साथ ही संजय सिंह द्वारा सदन में जानबूझकर भ्रामक बयान देना और राज्यसभा के नेता पर आरोप लगाना, इसके अलावा तत्कालीन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा संजय सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार के कथित प्रश्न पर प्रस्ताव पेश करने का मामला शामिल है.