Delhi News: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) बुधवार दोपहर अचानक जंतर मंतर पर जारी कुश्ती के बड़े खिलाड़ियों का समर्थन करने पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने कहा, सभी बेटियां जो मेहनत करके मेडल लाती हैं, जब जीतती हैं तो इनके साथ लोग फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन आज शर्म की बात है कि यही बेटियां रोड पर बैठी हैं. जब तक लड़ाई लड़ेंगी मैं साथ दूंगा. मैं खुद सबको साथ आने के लिए तैयार करूंगा. मेरे लिए मेरे लायक कुछ भी होगा, मैं आधी रात भी तैयार रहूंगा. इनपर दबाव है, इनके परिवार पर दबाव है, पर पूरा देश इनके साथ है. हम सब साथ हैं.'


बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर में देश का नाम गौरवान्वित करने वाले कुश्ती पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश सहित दो दर्जन से ज्यादा पहलवान धरने पर बैठे हैं.  भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हमने दो दिन पहले सीपी पुलिस थाने में शिकायत दी थी. अभी तक सीपी पुसिल ने कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने बताया था कि सात लड़कियों ने शिकायत कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. इनमें से एक लड़की नाबालिग है और उसका मामला पॉस्को के तहत आती है. ढाई महीने हो गए, जांच समिति का कोई फैसला अभी तक नहीं आया है.


भारतीय पलहवाल साक्षी मलिक का कहना था कि यौन उत्पीड़न का मामला एक गंभीर मसला है. सभी की शिकायत भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ है. शिकायत पर सुनवाई न होने का ही नतीजा है कि देश के नामी पहलवानों को फिर से धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है. दिल्ली पुलिस की कार्रवाई न होने से हमें लोग गलत समझने लगे हैं. लोगों को लगता है कि पहलवान झूठ बोल रहे थे. हम अपना करियर, फ्यूचर और परिवार सब दांव पर लगा कर आए हैं, जिसके खिलाफ हम लड़ रहे हैं, वो बहुत स्ट्रॉन्ग है, कौन उनके साथ है, कौन नहीं आप बेहतर जानते हैं. कोई तीन महीना से सब से समय मांग रहे हैं, खेल मंत्री और मंत्रालय से भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हम खत्म हो गए, इसीलिए धरना दे रहे हैं, लोग ये कह रहे हैं. 


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