Covishield Caccine Side Effects: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कोविशील्ड वैक्सीन के कथित साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंता जताई हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार (30 अप्रैल) को कहा कि केंद्र को कोविशील्ड टीके के कथित दुष्प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल काम करना चाहिए क्योंकि कोविड महामारी के दौरान भारत में लाखों लोगों को टीका लगाया गया था. वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स और भारत में अचानक हुई मौतों की श्रृंखला के बीच कथित संबंध को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने चिंता व्यक्त की.  


दावा किया गया कि 2021 की शुरुआत में टीके की सुरक्षा को लेकर आशंकाओं के कारण जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, फिनलैंड, नॉर्वे और डेनमार्क सहित कई यूरोपीय देशों में कोविशील्ड पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.  


कोविशील्ड टीके के साइड-इफेक्ट्स!


यूके-मुख्यालय वाली फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि बहुत ही दुर्लभ मामलों में, इसका कोविड​​​​-19 वैक्सीन ब्लड के थक्के से संबंधित साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकता है, लेकिन यूके मीडिया में बताए जा रहे अदालती दस्तावेजों के अनुसार, इसका कारण अज्ञात है. डेली टेलीग्राफ ने बताया कि फरवरी में 51 दावेदारों की ओर से लाए गए ग्रुप एक्शन के लिए लंदन में हाईकोर्ट में प्रस्तुत एक कानूनी दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया कि कोविड ​​​​-19 से बचाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ विकसित टीका बहुत ही दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस हो सकता है


'कोविशील्ड के साइड-इफेक्ट को लेकर केंद्र ध्यान दे'


एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया वैक्सीन, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से बनाया गया था, को भारत में कोविशील्ड के रूप में जाना गया था. कोविशील्ड वैक्सीन से संबंधित जटिलताओं के बारे में बोलते हुए दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से कहा, ''वैक्सीन के कथित दुष्प्रभाव को लेकर केंद्र सरकार को तत्काल इस पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि भारत में लाखों लोगों को कोविशील्ड का टीका लगाया गया है''.


उन्होंने कहा, ''हमने हाल ही में सोशल मीडिया पर कई वीडियो देखे हैं, जिनमें लोगों को गतिविधियां करने के तुरंत बाद गिरते और मरते हुए दिखाया गया है, जो महामारी से पहले नहीं देखा गया था. कई लोग कोरोना वायरस वैक्सीन से संबंध का अनुमान लगाते हैं और ऐसी रिपोर्ट चिंता का विषय हैं क्योंकि इससे तनाव बढ़ता है. मरने वाले अधिकतर लोग युवा थे. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर काम करना चाहिए कि अगर लोगों पर दुष्प्रभाव हो रहे हैं तो हम इसे कैसे रोक सकते हैं.''


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