Delhi News Today: लोकसभा चुनाव बीत जाने के बावजूद दिल्ली का सियासी पारा हाई है. आज बुधवार (10 जुलाई) को आम आदमी पार्टी के छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर, पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद, पूर्व विधायक वीना आनंद ने पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.


सीनियर नेताओं के पार्टी छोड़ने पर आप और बीजेपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. राजधानी दिल्ली क्षेत्र के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 






'राजकुमार आनंद पर जांच का दबाव'
सौरभ भारद्वाज ने तंजिया अंदाज में कहा, "राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी, क्योंकि वह पार्टी से खुश नहीं थे." उन्होंने कहा, "हालांकि यह सभी जानते हैं कि उनके खिलाफ जांच चल रही है और वह जल्द ही बीजेपी में शामिल होने वाले हैं."


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए दावा किया कि उन (राजकुमार आनंद) पर जांच का का दबाव है, यह सबको मालूम है. उन्होंने राजकुमार आनंद के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा, "उन्होंने (राजकुमार आनंद) कहा था कि वह एक दलित हैं, इसलिए उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं."


'दलितों ने दिखाई बीजेपी को सही जगह'
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "मैं दावे का से कह सकता हूं दलित कमजोर नहीं होते हैं." उन्होंने कहा, "मैं आपको सबको याद दिलाना देना चाहता हूं कि दलितों ने ही भारतीय जनता पार्टी को उसकी जगह 250 सीटों से कम दिखाई." 


कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने साल 2020 के दिल्ली विधासनभा चुनाव में पटेल नगर आरक्षित सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे. बीते 10 अप्रैल को उन्होंने भ्रष्टाचार और दलितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. 


आम आदमी पार्टी में अपने कार्यकाल को राजकुमार आनंद ने बुरा सपना बताया था. जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान राजकुमार बीएसपी में शामिल हो गए और नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव का लड़ा. हालांकि उन्हें बीजेपी प्रत्याशी बांसुरी स्वराज से हार का सामना करना पड़ा, यहां से तीसरे नंबर पर रहे. 


आज बुधवार (10 जुलाई) को बीजेपी के सीनियर नेताओं की मौजूगी में आप के अन्य नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली. इससे पहले दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने राजकुमार आनंद को दलबदल विरोधी कानून के तहत उनकी सदस्यता को अयोग्य घोषित कर दिया था.


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