Saurabh Bharadwaj Statement: दिल्ली में प्रचंड गर्मी के बीच लोगों के शव मिलने के बाद मंत्री सौरभ भारद्वाज ने (Saurabh Bharadwaj) गुरुवार को पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल (PMMM) का दौरा किया. अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा "हीटवेव (Heatwave) से ग्रसित लोगों की संख्या पूरे उत्तर भारत में बढ़ी है. दिल्ली में भी ये संख्या बढ़ रही है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 48 घंटे में 310 लोग भर्ती हुए. 14 लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि आज हमने अस्पताल को औचक निरीक्षण यह देखने के लिए किया है क्या हमारे अस्पतालों में सभी संसाधन मौजूद हैं या नहीं. दीन दयान उपाध्याय अस्पताल का कहना है कि उनके यहां पुलिस बहुत सारे लावारिस शव लेकर आई है. हमने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कल पत्र लिखा है कि यदि उन्हें सड़क पर कोई बीमार दिखाई दे तो आप उसे अस्पताल में छोड़ जाएं या फिर हमें सूचना दें."
दिल्ली में मिले 50 शव
दिल्ली में हीटवेव की वजह से पिछले 48 घंटों में अलग-अलग हिस्सों से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से जुड़े 50 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नहीं की है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 19 जून को इंडिया गेट के निकट बच्चों के पार्क में 55 वर्षीय एक व्यक्ति का शव मिला. मौत के कारण का पता लगाने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. बेघर लोगों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट का दावा है कि 11 से 19 जून 2024 के बीच दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण 192 बेघर लोगों की मौत हुई. दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
स्वास्थ्य सचिव की छुट्टी पर उठाए सवाल
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि वे अभी और भी अस्पतालों के औचक निरीक्षण करेंगे और वहां की तैयारियों का जायजा लेंगे. इस दौरान उन्होंने हेल्थ सेक्रेटरी के छुट्टी पर जाने पर सवाल उठाया. मैंने तो उन्हें छुट्टी नहीं दी है, फिर वे किसके आदेश से इतनी लंबी छुट्टी पर गए हैं. वो भी ऐसे समय मे जब लगातार हीट स्ट्रोक के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर इसकी जानकारी मांगेंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस को यह निर्देश दिया गया है कि पुलिस पेट्रोलिंग टीम को सड़कों पर निगाह बनाए रखें. ताकि अगर कोई व्यक्ति सड़क के किनारे पड़ा मिले तो उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया जाए. इसके अलावा, कई एम्बुलेंस को भी अलर्ट मोड़ पर रखा गया है. ताकि हीट स्ट्रोक के मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके और समय पर उपचार कर उनकी जान बचाई जा सके.