Delhi News: दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने दावा किया है कि आप राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की ओर से सेलेक्ट कमिटी को भेजे गए प्रस्ताव में सिर्फ नाम सांसदों के नाम लिखे हैं. उस पर किसी भी सांसद के हस्ताक्षर नहीं थे, चाहे वह असली हो या नकली. यह बयान अपने आप में गलत है कि राघव चड्ढा ने फेक हस्ताक्षर किए हैं. अगर बीजेपी इस आधार पर एफआईआर दर्ज कराएगी तो उसे ऐसा करने के लिए फेक दस्तावेज भी देने होंगे. राघव चड्ढा के प्रस्ताव में कोई फर्जीवाड़ा नहीं है. राघव चड्ढा के सवाल पूछने से बीजेपी को दिक्कत है. सौरभ भारद्वाज का यह भी कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की भी संसद की सदस्यता खत्म करने की कोशिश हो रही है.


मैं, तीन से से विधायक हूं, सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए प्रस्ताव होता है, उस पर केवल नाम होते हैं हस्ताक्षर नहीं होते हैं. किसी भी सांसद के हस्ताक्षर प्रस्ताव पर नहीं थे. बीजेपी की ओर से संसद में यह आरोप लगाना कि राघव चड्ढा की ओर से फेक हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव दिए गए, झूठ है. संसद की प्रणाली को लेकर असत्य बात कहना अपने आप में विशेषाधिकार का मामला बनता है. इनके मंत्रियों और सांसदों पर विशेषाधिकार का मामला बनता है. बीजेपी वाले गिदर भभकी देना बंद करें. इनको राघव चड्ढा से परेशानी है.  



बता दें कि 7 अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर बहस के दौरान बीजेपी ने सांसद राघव चड्ढा पर आरोप लगाए थे. बीजेपी का आरोप है कि आप सांसद ने पांच सांसदों के फेक हस्ताक्षर वाले नाम का प्रस्ताव सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा. उसके बाद से इस बात को लेकर सियासी बवाल मचा है. 


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