Delhi News: राोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम मामले पर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि शेल्टर होम में रह रहे लोग मानसिक तौर पर कमजोर थे. उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को आज आशा किरण शेल्टर होम में जाने से रोक दिया गया. आप विधायकों का समूह स्थिति का जायजा लेने गये थ


मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मीडिया के दबाव में अंदर जाने की इजाजत मिली. उन्होंने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का मुद्दा उठाया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शेल्टर होम की देखभाल करने वाले के अंदर सेवा भाव और संवेदनशीलता का होना बहुत जरूरी है. उन्होंने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से सवाल पूछा कि इस तरीके की संवेदनशील पोस्टिंग में राहुल अग्रवाल को जिम्मेदारी क्यों दी गई? राहुल अग्रवाल रिश्वत लेने के आरोप में धरे गये एसडीएम हैं.


क्या बोले मंत्री सौरभ भारद्वाज?


सीबीआई ने एसडीएम पद पर रहते राहुल अग्रवाल की गिरफ्तारी 2016 में की थी. बता दें कि सरकारी शेल्टर होम आशा किरण में एक महीने के भीतर 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. आशा किरण शेल्टर होम के मृतकों में छह महिलाएं और एक नाबालिग शामिल हैं. जुलाई से अब तक 14 मौतों पर दिल्ली की सियासत भी गर्म हो गयी है. घटना के बाद विपक्षी दल बीजेपी ने दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया. वहीं, आप का कहना है कि शेल्टर होम में देखरेख की जिम्मेदारी अधिकारियों की होती है और अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास है.


आशा किरण शेल्टर होम मामला


शुक्रवार को बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि पिछले कुछ महीनों के अंदर आशा किरण शेल्टर होम में 27 मौतें हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कि मौतों की जिम्मेदार दिल्ली सरकार है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौतों को सबसे वंचित लोगों के खिलाफ अपराध करार दिया. मंत्री आतिशी ने आशा किरण में मौत मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं.   


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