Happy Sawan 2022: आज सावन की पहली सोमवारी है. शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. हिंदू धर्म में सावन के सोमवार की खास मान्यता है. सावन का सोमवार भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. प्रत्येक सोमवार को शिव मंदिरों में श्रद्धालु पूजा अर्चना और जल अर्पित करने पहुंचते हैं. इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में भगवान शिव के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. शिवरात्रि हो या फिर सावन का महीना इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या भगवान शिव की आराधना करने पहुंचती है. आपकी जानकारी के लिए बताया जा रहा है दिल्ली में मशहूर और प्राचीन 4 शिव मंदिरों के नाम और पता. मान्यता है कि इन शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की भक्ति करने से मनोकामना पूरी होती है. 


1. गौरी शंकर मंदिर, चांदनी चौक
देश की राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में गौरी शंकर मंदिर बेहद प्राचीन है. कहा जाता है कि चांदनी चौक स्थित मंदिर 800 साल पुराना है. मंदिर की स्थापना मराठा सिपाही ने करवाया था. मान्यता है कि सिपाही बुरी तरह जख्मी हो गया था. भगवान से मन्नत मांगी थी कि जिंदा बचने पर भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवाएगा. ठीक होने पर सिपाही ने शिव मंदिर बनवाकर मनौती पूरी की. मौजूदा समय में चांदनी चौक के मंदिर को गौरी शंकर मंदिर कहा जाता है. चांदनी चौक के पौराणिक गौरी शंकर मंदिर की भक्तों में भारी श्रद्धा है. आम दिनों में भी प्रति सोमवार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और सावन के दिनों में न केवल दिल्ली बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु मंदिर में मां गौरी और भगवान शंकर जी के दर्शन पहुंचते हैं.


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2. मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर
दिल्ली के श्रद्धालु शिवाजी मार्ग पर मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर का भी दर्शन कर सकते हैं. 200 एकड़ में फैला मंदिर का लोकार्पण 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने किया था. मंदिर में भगवान शिव की 100 फीट विशाल प्रतिमा, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी, सीता-राम भगवान की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं. सभी प्रतिमाएं कांस्य की बनी हुई हैं. मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. 


3. शिव मंदिर गुफा वाला
इस श्रावण मास आप दिल्ली के प्रीत विहार स्थित शिव मंदिर में भी पूजा अर्चना कर सकते हैं. शिव मंदिर को गुफा वाला मंदिर भी कहा जाता है. मंदिर में बनी एक गुफा आकर्षण का केंद्र है. दर्शन करने गुफा के जरिए जाना होता है. गुफा के जरिए जाकर पूजा पाठ करना यादगार अनुभव होता है. भक्त मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन को आते हैं. कहा जाता है कि मंदिर 22 साल पुराना है. मंदिर में विराजमान सभी हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाओं का दर्शनकरे श्रद्धालु पहुंचते हैं.


4. नीली छतरी मंदिर का भी करें दर्शन
आप दिल्ली के जमुना बाजार स्थित नीली छतरी मंदिर का भी दर्शन कर सकते हैं. नीली छतरी मंदिर बेहद प्राचीन मंदिर बताया जाता है. मान्यता है कि पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने मंदिर की स्थापना की थी. प्राचीन और पौराणिक मंदिर होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ जुटती है. सावन के महीने में मंदिर का नजारा तो बहुत भक्तिमय होता है. 


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