Delhi: दिल्ली के एजुकेशन डायरेक्टर ने दिल्ली के दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए बड़ा फैसला लिया है. शिक्षा निदेशालय ने नया निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के तहत अब कोई भी स्कूल दिव्यांगता की गंभीरता के आधार पर एडमिशन देने से मना नहीं कर सकता है. शिक्षा निदेशालय ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के एडमिशन के लिए दिल्ली को नए निर्देशों में जोर दिया है.  


डीओई ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को स्कूल में एडमिशन आसानी से मिल सके. अब दिल्ली के स्कूल इस आधार पर किसी बच्चे को प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकते हैं कि उनके पास एक विशेष शिक्षक और अन्य सुविधाएं नहीं हैं जो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत आवश्यक हैं.


अब स्कूल वाले नहीं कर सकते हैं इंकार
स्कूलों को ऐसे छात्रों की उम्र के कारण एडमिशन से इनकार नहीं करने का भी निर्देश दिया है. डीओई ने कहा है कि स्कूल प्रमुखों को इनमें से चार साल तक की छूट देनी चाहिए, अगर इससे भी अधिक छूट चाहिए तो इस विचार किया जा सकता है. वहीं एडमिशन के समय आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा और उनके माता-पिता को दस्तावेज जमा करने के लिए अधिकतम तीन महीने का समय दिया जाएगा.


DOE ने लिया बड़ा फैसला
वहीं शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यदि दिल्ली के सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूल में प्री-प्राइमरी या प्राथमिक कक्षा एक सेक्शन में अधिक छात्र हैं और कोई सीडब्ल्यूएसएन छात्र एडमिशन के लिए आता है. इस तरह की परिस्थिति में स्कूल जिला अधिकारियों से दो ऐसे बच्चों को एडमिशन देने की अनुमति के लिए संपर्क कर सकता है. अगर छात्र के माता-पिता निर्धारित समय सीमा के भीतर एडमिशन के लिए आवेदन करने में असमर्थ हों तो स्कूल के प्रमुख को अपने एडमिशन आवेदन को संसाधित करना होगा और इसे जिला शिक्षा अधिकारियों को देना होगा जो अपने स्तर पर प्रवेश की अनुमति देंगे.


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