देशभर में कोरोना के केसेस कम होने और तीन कोविड लहरों के बाद फिलहाल जन-जीवन सामान्य की ओर बढ़ रहा है. इसी क्रम में कई राज्यों में स्कूल भी खोले जा रहे हैं. स्कूल खोलने के साथ ही राज्यों ने बहुत से नये नियम भी लागू किए हैं ताकि छात्रों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा सके. इस प्रयास को एक कदम आगे और बढ़ाते हुए केंद्र ने स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. अब देशभर के सभी स्कूल इन्हीं कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए खुलेंगे और सभी नियमों का ध्यान रखेंगे.
एक साथ नहीं खुलेंगे सभी क्लासेस –
इन नई गाइडलाइंस की मुख्य बात ये है कि अब स्कूल सभी कक्षा के छात्रों को एक साथ न बुलाते हुए अलग-अलग समय पर बुला सकते हैं. कैम्पस में एक साथ बहुत ज्यादा छात्रों को आने की आज्ञा नहीं होगी. अलग-अलग समय पर अलग-अलग क्लास को बुलाया जाएगा.
यही नहीं स्कूलों को झुकावपूर्ण रवैया इख्तियार करते हुए छात्रों को जब वे चाहें घर से पढ़ाई करने की छूट भी देनी होगी. अटेंडेंस के मामले में भी पहले जैसी सख्ती न बरतते हुए 100 प्रतिशत अटेंडेंस का नियम लागू नहीं किया जाएगा. एनसीईआरटी द्वारा डिजाइन किया गया अल्टरनेटिव कैलेंडर भी चलता रहेगा खासकर उन छात्रों के लिए जिनके पास डिवाइस नहीं हैं.
इन छात्रों पर रहेगा फोकस –
वे छात्र जो कैम्पस आकर पढ़ना चाहते हैं ऐसे में उस श्रेणी को ज्यादा महत्व दिया जाएगा जिनके पास सुविधाएं नहीं हैं या जो माइग्रेंट, होमलेस या कोविड में किसी परिवारिक सदस्य को खोने वालों में से हैं.
पढ़ाई के नुकसान को भरने के लिए न केवल ब्रिज क्लासेस चलाई जाएंगी बल्कि छात्रों से लेकर, शिक्षकों और स्टाफ तक सभी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा.
राज्य तय करें अभिभावक से इजाजत मांगनी है या नहीं –
इस संदर्भ में एक बड़ा फैसला ये भी हुआ है कि अब स्कूल आने के लिए अभिभिवकों की लिखित आज्ञा का नियम पहले की तरह लागू नहीं होगा. अब ये राज्य और यूटीआई तय करेंगे कि उन्हें पैरेंट्स से कंसेंट लेना है या नहीं.
यही नहीं किसी एक नियम को मानने के बजाय राज्य खुद तय करेंगे कि उन्हें स्कूल खोलने हैं या नहीं या पूरी तरह खोलने हैं या ऑनलाइन क्लासेस ही चलानी हैं. कोविड की स्थिति को देखते हुए वे खुद फैसला लें.
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