Sextortion Honeytrap Racket: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए इस गिरोह के सरगना नीरज को गिरफ्तार किया है, जो हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला है. पुलिस ने इसके कब्ज़े से एक मोबाइल फोन, 4 सिम कार्ड, एक डेबिट कार्ड, एक स्कूटी और लोगों को ब्लैकमेल करने से संबंधित एक हाथ से लिखी स्क्रिप्ट भी बरामद की है.
पुलिस का दावा है कि आरोपी नीरज अपने 5 साथियों के साथ मिलकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाता था और फिर उन्हें सेक्सटॉर्शन के जाल में फंसाकर उनसे लाखों रुपए वसूलता था. पुलिस को हाल ही में पश्चिम विहार इलाके में रहने वाले एक शख्स से इस गिरोह की शिकायत मिली थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए इस आरोपी को गिरफ्तार किया है.
जानिए क्या है मामला
क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर पुलिस धीरज कुमार ने बताया कि पश्चिम विहार ईस्ट थाने में एक शिकायत मिली कि एक व्यक्ति को सेक्सटॉर्शन करने वाले गैंग ने अपने जाल में फंसा कर उनसे तीन लाख रुपये की रकम जबरन वसूल की है. उस व्यक्ति ने डेढ़ लाख रुपए नगद दिए थे और डेढ़ लाख रुपए एकाउंट के जरिये ट्रांसफर किये था. पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से एक लड़की के प्रोफाइल के संपर्क में आया था. सोशल मीडिया के माध्यम से ही उस लड़की के साथ इस व्यक्ति की वीडियो चैटिंग भी होने लगी और उस लड़की ने इस व्यक्ति को मिलने के लिए भी बुलाया. जहां पर युवती ने इस व्यक्ति के साथ अंतरंग संबंध बनाए और इसी दौरान गैंग के अन्य सदस्य कमरे में दाखिल हो गए. उन लोगों ने पुलिस का डर दिखाकर इस व्यक्ति से तीन लाख रुपये वसूल कर लिए.
पश्चिम विहार में किराए के फ्लैट में चल रहा था धंधा
पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो जानकारी सामने आई कि सेक्सटॉर्शन का यह धंधा पश्चिम विहार स्थित एक फ्लैट के अंदर चल रहा है और इस गैंग के सदस्यों ने ये फ्लैट किराए पर लिया हुआ है. पुलिस ने तुरंत ही उस फ्लैट की पहचान की और वहां पर निगरानी रखनी शुरू कर दी.
दो महिलाएं भी हैं इस गैंग का हिस्सा
पुलिस के अनुसार, नीरज की गिरफ्तारी 3 दिसंबर को प्रशांत विहार, रोहिणी में पीवीआर सिनेमा के नजदीक से पकड़ा गया. इसके गैंग में दो युवतियों समेत छह लोग शामिल हैं. आरोपी महज दसवीं तक पढ़ा है. वह बैंकेट हॉल में बार टेंडर के तौर पर काम कर चुका था. इसके खिलाफ हरियाणा में 2 आपराधिक मामले दर्ज मिले हैं. बीते डेढ़ साल में ये लोग चार दर्जन से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके थे. ये गैंग पीड़ित से 5 से 10 लाख रुपए तक वसूलता था.
लॉकडाउन लगने से पहले शुरू किया ये काम
पुलिस का दावा है कि पूछताछ में नीरज ने खुलासा किया कि पहली बार देश में हुए पहले लॉकडाउन से ठीक पहले इन्होंने ये धंधा शुरु किया था. साजिश के तहत लड़की के नाम पर फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाया. उस एकाउंट से कई लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजे जाते थे. जो दोस्ती स्वीकार करके इनके जाल में फंस जाता था, उससे पहले चैटिंग की जाती. गैंग की महिला सदस्य वीडियो कॉल करके जाल में फंसे व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करती. इसके बाद उसे कहीं पर मिलने के लिए बुलाया जाता. जब वह व्यक्ति का युवती/महिला से किसी रुम में मिलता, तभी गैंग के अन्य सदस्य पुलिसकर्मी बनकर वहां पहुंच जाते. इसके बाद पीड़ित को धमकाया जाता और उससे रुपए वसूले जाते थे. इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है.