Delhi Police Advisory For Shab-e-Barat: इस साल शब-ए-बारात 7 मार्च को है. इसे लेकर मुस्लिम (Muslim) समुदाय के लोग जहां तैयारियों में जुटे हैं, वहीं दिल्ली में पुलिस भी अलर्ट मोड पर है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि शब-ए-बारात के दिन ही इस साल होलिका दहन (Holika Dahan) भी है. यही वजह है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच खास तैयारी कर रही है. साथ ही पुलिस की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है. पुलिस ने शब-ए-बारात के मौके पर कई इलाकों में खास नजर रखेगी. दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों से कोटला, खुरेजी, सरोजिनी पार्क, शास्त्री नगर, नरेला, गदाईपुर और हौज खास के कदीमी में ‘कब्रिस्तानों’ पर विशेष ध्यान देने को कहा है, जहां पहले कुछ घटनाएं हुई थीं.
साथ ही बाइक पर स्टंट करने वालों को रोकने के लिए धार्मिक नेताओं के साथ-साथ स्थानीय वॉलंटियर्स की मदद लेने का भी निर्देश दिया है. इसके अलावा सभी मस्जिदों और कब्रिस्तानों में पर्याप्त कर्मियों और पीसीआर वाहनों को तैनात करने को कहा है. स्थानीय पुलिस प्रमुखों को कार्यक्रम आयोजकों के साथ करीबी संपर्क रखने का निर्देश दिया गया है. एडवाइजरी के मुताबिक सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जाएगी और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
साल 2019 में इन इलाकों में हुई थीं घटनाएं
पिछली घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जाफराबाद, सीलमपुर, वेलकम, त्रिलोकपुरी, ओखला और जामिया नगर जैसे क्षेत्रों के युवाओं ने इंडिया गेट, कनॉट प्लेस और नई दिल्ली जिले के अन्य क्षेत्रों में दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर खतरनाक स्टंट किए थे. साल 2019 में शब-ए-बारात की रात डाबरी, खजूरी खास और जनकपुरी में कुछ लोगों ने वाहनों और घरों के शीशे तोड़ दिए थे, जिसके बाद मामले भी दर्ज किए गए थे.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
दूसरी तरफ दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शब-ए-बारात को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है, "7 और 8 मार्च की रात्रि को शब-ए-बारात के मद्देनजर दिल्ली यातायात पुलिस की ओर से व्यापक यातायात व्यवस्था की गई है. कृपया ट्रफिक नियमों का अनुपालन करें और खुशियों के पर्व का आनंद लें."
- शराब पीकर वाहन न चलाएं.
- निर्धारित गति सीमा का पालन करें.
- ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें.
- अन्य वाहनों के साथ दौड़ या प्रतियोगिता में शामिल न हों.
- खासकर दुपहिया वाहन चालक/सवार हेलमेट पहनें और ट्रिपल राइडिंग से बचें.
- लापरवाह, खतरनाक या टेढ़ी-मेढ़ी ड्राइविंग में शामिल न हों.
- अवयस्कों/अनधिकृत व्यक्तियों को अपना वाहन चलाने की अनुमति न दें.
- दुपहिया वाहनों पर स्टंट करने में लिप्त न हों.
शब-ए-बारात का महत्व
इस्लाम धर्म में माह-ए-शाबान बहुत मुबारक महीना माना जाता है. यह इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक आठवां महीना होता है. शाबान महीने की 15वीं की रात को शब-ए-बारात कहा जाता है. मान्यता है कि इस रात में अल्लाह अपने बंदों को उनके गुनाहों से माफ करता है. यानी इस दिन जो भी अल्लाह से सच्चे दिल से मगफिरत मांगता है, उसको माफ कर दिया जाता है. ऐसा कई हदीस (इस्लाम में कुरान के बाद सबसे पवित्र और अहम किताब) में जिक्र किया गया है. एक और हदीस में जिक्र है कि इसी रात को दुनिया में रहने वाले लोगों का फैसला होता है. यानी जन्म, मौत और आपके हिस्से के रिज्क वगैरह का फैसला भी इसी रात को होता है.
घरों में बनता है हलवा
ऐसे में इस्लाम में इस रात का बहुत अहमियत है और यही वजह है कि ज्यादातर मुसलमान रातभर जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं. साथ ही शब-ए-बारात के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने और पूर्वजों के लिए दुआ करते हैं और मगफिरत मांगते हैं. घरों को विशेष रूप से सजाया जाता है. इस दिन घरों में पकवान जैसे हलवा आदि बनाया जाता है.