Delhi Navratri 2024: दिल्ली समेत देश भर में नवरात्र के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ अगले 10 दिनों में पूजा के अलावा रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे उत्सवों का आयोजन किया जाएगा. इन उत्सवों के दौरान बाजारों में भी खूब रौनक रहेगी, जिससे देश भर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और कारोबार से काफी फायदा होने की उम्मीद है.


कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक अनुमान के अनुसार अगले दस दिनों में देश भर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है. बात करें दिल्ली की तो केवल दिल्ली में ही लगभग आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का अनुमान है. 


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि त्यौहारों में ख़रीदी की विशेष बात यह है कि अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है इसलिए बाजारों में बिक्री किए जाने वाले अधिकांश उत्पाद भारतीय ही होंगे. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर “वोकल फॉर लोकल” तथा “आत्मनिर्भर भारत” अभियान ने देश भर में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है और अब भारत में बने सामान किसी भी विदेशी सामान से बेहतर हैं. 


लाखों लोगों को मिलता है रोजगार


प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि, देश भर में नवरात्रि, रामलीला, गरबा एवं डांडिया जैसे 1 लाख से अधिक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल हैं. वहीं बड़े पैमाने पर देश भर में भक्ति संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित होते है. इन उत्सवों के ज़रिए लाखों लोगों को रोज़गार मिलता है. नवरात्रि के समापन पर विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह से त्यौहारों की यह श्रृंखला समाप्त होगी. अकेले दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग एक हज़ार से अधिक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं, जबकि सैकड़ों दुर्गा पूजा के पंडाल लगते हैं. मूल रूप से गुजरात में होने वाले डांडिया और गरबा के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर अब दिल्ली सहित देश भर में आयोजित होते हैं.


 खपत के कारण बढ़ जाती है इनकी मांग


प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक त्यौहारी सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा और कुर्ते की मांग काफी बढ़ जाती है. पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं, जिससे इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है. वहीं बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की मांग भी होती है. पूजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है. त्योहारों में हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत बढ़ जाती है. 


वहीं बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी मांग रहती है. त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री और लाइटिंग की मांग बढ़ती है.


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