Sharjeel Imam Bail: दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र एक्टिविस्ट शरजील इमाम बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने बुधवार (29 मई) को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए जाने से जुड़े राष्ट्रद्रोह और यूएपीए के मामले में जमानत दे दी.


हालांकि, अभी उन्हें जेल में ही रहना होगा. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस मनोज जैन ने उन्हें जमानत दी. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली दंगा मामले में केस दर्ज है, उन्हें इस केस में जमानत नहीं मिली है. ऐसे में उन्हें जेल में ही रहना होगा.


शरजील इमाम के वकील ने क्या दलील दी?


शरजील इमाम ने मामले में अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काट लेने के आधार पर जमानत मांगी थी. इमाम की ओर से अधिवक्ता तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने पैरवी की.


वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से एसपीपी रजत नायर पेश हुए. मुस्तफा ने कहा कि इमाम पहले ही अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल और सात महीने की सजा काट चुका है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत अगर कोई दोषी ठहराया जाता है तो उसे अधिकतम सजा 7 साल की मिलती है. 


क्या हैं आरोप?


अभियोजन पक्ष के अनुसार, शरजील इमाम ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण दिए, जहां उन्होंने असम और शेष पूर्वोत्तर को देश से काटने की धमकी दी.


इसी आरोप के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया. शुरुआत में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और बाद में यूएपीए की धारा 13 लगाई गई. वह इस मामले में 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में है.


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