Shelly Oberoi MCD Mayor Tenure: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव समाप्त हो चुका है. मेयर पद पर आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) को जीत मिली है. शैली ओबेरॉय ने बीजेपी (BJP) की प्रत्याशी रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) को हराया. शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले. बीजेपी की रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले. इसी के साथ 34 वोटों से शैली ओबेरॉय को जीत मिली. वहीं डिप्टी मेयर के पद पर भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल (Aaley Mohammad Iqbal) ने जीत हासिल की. आले मोहम्मद इकबाल ने बीजेपी उम्मीदवार कमल बांगड़ी को हराया. चुनाव में आले मोहम्मद इकबाल को 147, जबकि कमल बांगड़ी को 116 वोट मिले.


गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव 4 दिसंबर को हुआ था और 7 दिसंबर को परिणाम आए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी को 250 में से सबसे ज्यादा 134 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 और अन्य को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 2022 एमसीडी चुनाव 2022 में शैली ओबेरॉय ने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की दीपाली कुमारी को 269 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. फिर एमसीडी चुनाव के 84 दिनों के लंबे इंतजार के बाद अब जाकर मेयर का चुनाव हुआ, जिसमें शैली ओबेरॉय को 34 वोटों से मिली, हालांकि, शैली ओबेरॉय सिर्फ 38 दिन ही मेयर पद पर रह कर काम कर सकेंगी. शैली ओबेरॉय एमसीडी में 31 मार्च तक मेयर रहेंगी और उसके बाद एक अप्रैल को फिर से मेयर का चुनाव होगा.


क्यों 31 मार्च तक ही मेयर रहेंगी शैली ओबेरॉय?


इसकी वजह यह है कि पहले तो परिसीमन की वजह से देर से एमसीडी के चुनाव हुए और फिर सदन की बैठक तीन बार हंगामे की वजह से मेयर का चुनाव स्थगित कर दिया गया. ऐसे में पहले साल के मेयर का कार्यकाल कम हो गया है. दरअसल एमसीडी एक्ट के अनुसार दिल्ली नगर निगम का साल अप्रैल महीने के पहले दिन से शुरू होता है. इस तरह अगले साल 31 मार्च को साल समाप्त हो जाता है. इस लिहाज से 22 फरवरी को शैली ओबेरॉय मेयर चुनी गई हैं, जिनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाएगा. इस तरह से वह सिर्फ 38 दिनों तक ही मेयर पद पर रहकर काम-काम कर सकेंगी. इसके बाद दोबारा से एक अप्रैल को मेयर का चुनाव होगा.


हर साल होता है मेयर का चुनाव


बता दें कि एमसीडी के पांच साल के कार्यकाल में मेयर का चुनाव हर एक साल पर होता है. एमसीडी एक्ट के मुताबिक पहले साल महिला पार्षद को मेयर चुने जाने का प्रावधान है. दूसरे साल मेयर का पद सामान्य होता है. यानी कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है. तीसरे साल मेयर पद दलित समुदाय के लिए रिजर्व होता है. ऐसे में दलित समाज से आने वाला कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है, लेकिन चौथे और पांचवें साल मेयर का पद अनारक्षित होता है.


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